Hapur News: हापुड़ में आवारा कुत्तों का आतंक: पांच साल में नहीं हुआ एक भी पंजीकरण, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब क्या होगी कार्रवाई?

Hapur News: हापुड़ में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। नगर पालिका पिछले पांच वर्षों में एक भी पालतू कुत्ते का पंजीकरण नहीं कर पाई है। सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद अब अधिकारियों की कार्रवाई पर नजर है।

Avnish Pal
Published on: 12 Aug 2025 11:39 AM IST
Hapur News: हापुड़ में आवारा कुत्तों का आतंक: पांच साल में नहीं हुआ एक भी पंजीकरण, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब क्या होगी कार्रवाई?
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Hapur News: हापुड़ जिले में आवारा कुत्ते लोगों पर लगातार हमला कर रहे हैं। ये आवारा कुत्ते मौका पाते ही आक्रमक होकर सबसे अधिक बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं। हालत यह है कि सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन औसतन 500 मरीजों को एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। यह बात जानकर भी जिले के अधिकारी अंजान बने बैठे हुए हैं। हापुड़ नगर पालिका के अधिकारियों का तो यह हाल है कि पिछले पांच वर्षों में आवारा कुत्तों को पकड़वाना तो दूर पालतू कुत्तों तक का पंजीकरण नहीं करा पाए हैं। ऐसे में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद जिले के अधिकारी क्या कदम उठाते हैं, यह देखने की बात होगी।

सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में निर्देश जारी किए है कि आवारा कुत्तों को पकड़ने, उनकी नसबंदी करने व उन्हें आश्रय गृह में रखा जाए। उसने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई में दखल देता है तो उसके खिलाफ की कार्रवाई करें। इसके अलावा नवजात, छोटे बच्चे किसी भी कीमत पर इन आवारा कुत्तों के शिकार न बनें। जिला एनसीआर में पड़ता है। ऐसे में यदि अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर कार्य करते हैं तो लोगों के लिए राहत की बात होगी।

फिलहाल जिले में हालात यह हैं कि आवारा कुत्ते हर गर्मी के साथ-साथ वर्षा या सर्दी में भी खूंखार बने रहते हैं। जिसके कारण एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने वाले लोगों की संख्या घटने का नाम नहीं ले रही है। रात के समय कुत्तों का झुंड सड़कों पर उतरे रहते हैं। जिसके बाद वह दो पहिया वाहनों पर आवागमन करने वालों के साथ-साथ पैदल आवागमन करने वालों पर अचानक हमला कर रहे हैं। लोगों द्वारा लगातार अधिकारियों से कुत्तों को पकड़वाने के लिए मांग की जाती रही है। सभासदों द्वारा भी हर बोर्ड बैठक में यह मुद्दा उठाया जाता है। इसके बाद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही हो पा रही है।

नगर पालिका में यह हुआ था प्रस्ताव पास

करीब पांच वर्ष पहले हापुड़ नगर पालिका की बोर्ड बैठक में एक प्रस्ताव पास हुआ था। जिसके अंतर्गत पालतू कुत्ते का पंजीकरण कराकर उनका लाइसेंस बनवाने का नियम था। मामले प्रकाश में आने के बाद नगर पालिका के कर्मचारी मोहल्लों में जाकर पालतू कुत्तों को चिह्नित किया जाना था। पंजीकरण नहीं कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की करने का भी नियम जारी किया गया था।

यह है नियम

रजिस्ट्रेशन का प्रतिवर्ष नवीनीकरण होगा। इन पालतू कुत्तों का वैक्सीनेशन समय से कराया जाएगा। पंजीकरण के समय एंटी रैबीज टीकाकरण का प्रमाण-पत्र देना होगा। इसके अलावा यदि पालतू कुत्ता सड़क पर गंदगी करता है तो उसकी सफाई की जिम्मेदारी भी स्वामी की ही होगी। कोई व्यक्ति शिकायत करेगा तो जुर्माने की कार्रवाई होगी। साथ ही पंजीकरण भी निरस्त कर दिया जाएगा।

क्या बोले एडीएम?

एडीएम संदीप कुमार का कहना है कि उच्चाधिकारियों के जो भी निर्देश प्राप्त होंगे उसके अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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