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Hapur: पालिका और डूडा का नया घोटालाः किराएदार को बना दिया मकान मालिक, पीएम आवास योजना में खेल
Hapur News: अब वार्ड नौ में पीएम आवास योजना से जुड़ा बड़ा घोटाला उजागर हुआ है।
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Hapur News: नगर पालिका और डूडा विभाग के घपलों की फेहरिस्त लगातार लंबी होती जा रही है। कभी सरकारी जमीन पर कब्जा कराने का मामला, कभी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का खेल और अब वार्ड नौ में पीएम आवास योजना से जुड़ा बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। इसमें पालिका कर्मचारियों ने मिलीभगत करके किराएदार को ही मकान मालिक बना दिया और उसके नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिला दिया।
किराएदार से मकान मालिक बने चरन सिंह
वार्ड नौ मोहल्ला जफरपुरा निवासी जफर आलम के अनुसार, उन्होंने 1990 में पक्का मकान (नंबर 378) बनवाया था, जिसे उन्होंने कई साल पहले मोहल्ले के ही रहने वाले चरन सिंह को किराए पर दे दिया था। बीमारी की वजह से वह लंबे समय तक बाहर रहे। लौटने पर उन्हें पता चला कि उनका मकान तोड़कर चरन सिंह ने वहां दो प्रधानमंत्री आवास खड़े कर दिए हैं।जांच में सामने आया कि पालिका कर्मचारियों ने षड्यंत्र रचकर चरन सिंह के नाम से हाउस टैक्स की फर्जी रसीद काट दी। इसी आधार पर चरन सिंह और उसके बेटे ललित ने डूडा में आवेदन किया और उन्हें पीएम आवास योजना के तहत 5 लाख रुपये की धनराशि मिल गई।
शिकायत पर धमकियां, जांच में खुला फर्जीवाड़ा
जफर आलम ने जब पालिका और डूडा में शिकायत की तो कर्मचारियों ने उनकी सुनवाई करने के बजाय उन्हें महीनों तक डराया-धमकाया। यहां तक कि पालिका कार्यालय में पटल पर बैठे एक कर्मचारी ने उन्हें साफ कह दिया कि आपने मकान बेच दिया है, हमारे पास कागज़ात हैं।मामला जब सीडीओ के पास पहुंचा तो तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई। जांच रिपोर्ट में पूरा खेल सामने आया और यह साबित हुआ कि पालिका कर्मचारियों ने फर्जी हाउस टैक्स रसीद जारी की और डूडा ने बिना सत्यापन किए पीएम आवास स्वीकृत कर दिए।
जिम्मेदार अधिकारी अब दे रहे सफाई
पालिका प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि किराएदार चरन सिंह के नाम से हाउस टैक्स की फर्जी रसीद काटने वाला कर्मचारी अब मृतक है। वहीं, डूडा के परियोजना अधिकारी (पीओ) मंजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों का सत्यापन निजी संस्था से कराया जाता है। इस मामले में किस स्तर पर गड़बड़ी हुई, यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन सीडीओ की जांच में फर्जीवाड़ा साबित हो चुका है। चरन सिंह और उनके बेटे ललित को अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है।
अगर उन्होंने धनराशि जमा नहीं की तो उनके खिलाफ आरसी जारी कर कार्रवाई की जाएगी।” एसडीएम एवं डूडा परियोजना अधिकारी रेनू सिंह ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि किराए के मकान की आड़ लेकर हाउस टैक्स की फर्जी रसीद कटवाई गई और उसी के आधार पर पीएम आवास योजना का लाभ लिया गया। यह बड़ा फर्जीवाड़ा है। पालिका प्रशासन से कहा गया है कि पूरे मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई जाए। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।”
लगातार खुल रहे घोटाले
इससे पहले पालिका पर 10 लाख रुपये लेकर सरकारी जमीन पर कब्जा कराने और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के गंभीर आरोप लगे थे। अब पीएम आवास योजना में इस तरह का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद नगर पालिका और डूडा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। शहर में चर्चाएं हैं कि यदि उच्चस्तरीय जांच हो, तो और भी कई घोटाले सामने आ सकते हैं।
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