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Hardoi News: गरीब रथ में लगी आग का असर, ग़रीब रथ एक्सप्रेस घंटों लेट, यात्रियों को भारी परेशानी
Hardoi News: हरदोई में गरीब रथ समेत कई ट्रेनें घंटों लेट, त्योहार पर यात्रियों को भारी दिक्कत, रेलवे की व्यवस्थाएं चरमराईं
हरदोई में गरीब रथ समेत कई ट्रेनें घंटों लेट (photo: social media )
Hardoi News: त्योहारों के मौसम में रेलवे यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ी हुई है, ऐसे में ट्रेनों का समय से चलना बेहद जरूरी हो जाता है। अमृतसर से सहरसा जा रही 12204 गरीब रथ एक्सप्रेस के पंजाब के सरहिंद जंक्शन के पास अचानक एक कोच में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। हादसा होने के कारण यात्रियों में डर का माहौल बन गया, हालांकि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया जिस कारण किसी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
घटना के बाद ट्रेन को लंबे समय तक रोके रखना पड़ा, जिसका असर इसके आगे के स्टेशनों पर भी पड़ा।यह ट्रेन हरदोई रेलवे स्टेशन पर शाम 4:54 बजे पहुंचनी थी, लेकिन सरहिंद के पास हुई इस घटना के कारण ट्रेन अपने निर्धारित समय से 7 घंटे से ज्यादा की देरी से चल रही थी। चूंकि बिहार रूट पर त्योहारों के दौरान यात्रियों की भीड़ सबसे अधिक रहती है, इसलिए लंबे इंतजार के चलते लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। खासकर दूरदराज के जिलों से अपने घरों की ओर जा रहे यात्रियों को रुक-रुककर सफर करना पड़ा।
यह फेस्टिवल एक्सप्रेस भी हुई घंटों लेट
गरीब रथ ही नहीं, फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें भी रफ्तार नहीं पकड़ पा रहीं। हरदोई होकर गुजरने वाली 04830 गोरखपुर–जोधपुर फेस्टिवल स्पेशल भी भारी देरी से पहुंची। यह ट्रेन सुबह 7:31 बजे आनी थी, लेकिन लगभग 9 घंटे 7 मिनट की देरी से दोपहर बाद स्टेशन पहुंची। वहीं पटना से चंडीगढ़ जाने वाली 04503 ट्रेन भी लगभग 4 घंटे 30 मिनट की देरी से हरदोई से गुजरी।इसी तरह आनंद विहार से जोगबनी जाने वाली 04008 फेस्टिवल स्पेशल भी अपने तय समय दोपहर 3:14 बजे के बजाय 2 घंटे 14 मिनट देरी से पहुंची। गोरखपुर से नई दिल्ली के बीच चलने वाली 04021 ट्रेन में भी लेटलतीफी देखने को मिली और यह लगभग 3 घंटे 44 मिनट पीछे चल रही थी। लखनऊ से मेरठ जाने वाली राजरानी एक्सप्रेस (14554) भी यात्रियों को समय पर सुविधा नहीं दे सकी और करीब ढाई घंटे लेट होकर हरदोई पहुंची।
रेलवे से लगातार सफर कर रहे यात्रियों का कहना है कि त्योहार के समय जब भीड़ सबसे अधिक होती है, तब समय पालन और भी जरूरी हो जाता है। देर होने से न सिर्फ कनेक्टिंग ट्रेनों का नुकसान होता है बल्कि परिवारों तक समय से न पहुंच पाने का तनाव भी बढ़ जाता है। कई यात्रियों ने यह मांग दोहराई कि फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों का संचालन सिर्फ नाम भर नहीं, बल्कि समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए, तभी इनका वास्तविक लाभ मिल पाएगा।त्योहारों की भीड़ के इस दौर में ट्रेनों की रफ्तार धीमी होना यात्रियों के धैर्य की परीक्षा ले रहा है। रेलवे प्रशासन द्वारा स्थिति को सुधारने के प्रयास किए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन आम यात्रियों की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं।
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