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Hardoi News: हरदोई में राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हुए बैंक कर्मी, सरकार की नीतियों के विरुद्ध किया प्रदर्शन
Hardoi News: बैंक कर्मियों ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करते हुए हरदोई के आनंद सिनेमा के निकट केनरा बैंक के बाहर एकत्र होकर सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
हरदोई में राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हुए बैंक कर्मी (photo: social media )
Hardoi News: देश में आज निजीकरण के विरोध में एक और जहां विद्युत कर्मचारी सांकेतिक हड़ताल पर हैं वही इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल का हिस्सा बैंक कर्मी भी बन गए हैं। बैंक कर्मियों ने भी हड़ताल में शामिल होकर सरकार की जन विरोधी आर्थिक नीतियों और श्रमिक विरोधी श्रम सुधारो के खिलाफ प्रदर्शन किया है। हरदोई में भी विद्युत कर्मचारियों ने सांकेतिक प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया और राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाया। बैंक कर्मियों ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करते हुए हरदोई के आनंद सिनेमा के निकट केनरा बैंक के बाहर एकत्र होकर सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
बैंक कर्मचारियों ने कहा कि सरकार की आर्थिक नीतियों से बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा जा रहा है। सरकार आम जनता को और मेहनत करने वाले वर्ग को लगातार हाशिये पर धकेलने का काम कर रही है। देश की अधिकांश संपत्तियां देश के कुछ बड़े उद्योगपतियों के हाथ में लगातार देने का काम किया जा रहा है जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के सामने महंगाई बेरोजगारी और सुरक्षा जैसे गंभीर संकट खड़े हो चुके हैं।
करोड़ो के लेनदेन का नुकसान होने की आशंका
हरदोई में बैंक कर्मियों द्वारा किए गए प्रदर्शन का आयोजन यूपी बैंक एम्पलाइज यूनियन के स्थानीय इकाई ने किया। इस प्रदर्शन में सहकारी सार्वजनिक और निजी बैंक के साथ ग्रामीण बैंकों के कर्मचारियों ने भाग लिया। बैंक यूनियन के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह प्रदर्शन केवल बैंक कर्मचारियों का नहीं बल्कि देश के हर मेहनत करने वाले का संघर्ष है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार अपनी नीति में बदलाव नहीं करती है। बैंक हड़ताल में शामिल बैंक कर्मियों ने कहा कि उन्हें चिंता है कि नई लेबर कोड श्रमिकों से उनके अधिकार छीन रहे हैं।ट्रेड यूनियन का अधिकार हड़ताल का अधिकार और काम के घंटे जैसे मूलभूत अधिकार को सीमित किया जा रहा है।
कामगारों की परिभाषा को बदला जा रहा है जिससे अधिकारियों को श्रम कानून की सुरक्षा से बाहर किया जा सके। यह यूनियन मुक्त भारत की दिशा में बढ़ाया गया खतरनाक कदम है। बैंक एम्पलाइज यूनियन के बैनर तले बैंक कर्मचारियों ने सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और अपनी नीतियों को वापस लेने को कहा।बैंक कर्मियों के हड़ताल पर जाने से बैंक के ग्राहको को सबसे ज़्यादा असुविधा का सामना करना पड़ा।जनपद में करोड़ो का लेनदेन प्रभावित होने की संभावना है।
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