Hardoi News : हरदोई आरटीओ में दलाली और भ्रष्टाचार के आरोप फिर सुर्खियों में, कांग्रेस नेता आशीष सिंह ने उठाए गंभीर सवाल

Hardoi News: हरदोई आरटीओ में भ्रष्टाचार और दलाली पर कांग्रेस नेता आशीष सिंह ने उठाए सवाल, प्रशासन की चुप्पी पर जताई नाराज़गी

Pulkit Sharma
Published on: 13 Oct 2025 5:41 PM IST (Updated on: 13 Oct 2025 5:42 PM IST)
Hardoi News : हरदोई आरटीओ में दलाली और भ्रष्टाचार के आरोप फिर सुर्खियों में, कांग्रेस नेता आशीष सिंह ने उठाए गंभीर सवाल
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Hardoi RTO corruption

Hardoi News: आरटीओ कार्यालय में दलाली और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर फिर राजनीति गरमाई है। कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष आशीष सिंह ने इस मामले में जमकर सवाल उठाए हैं और जिला प्रशासन तथा परिवहन विभाग पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है। आशीष का कहना है कि उन्हें लंबे समय से परिवहन कार्यालय में गड़बड़ी और सत्ता से जुड़े लोगों के संरक्षण की भनक मिल रही है, पर प्रशासन ने उनकी शिकायतों पर ठोस कार्रवाई नहीं की।

आशीष ने बताया कि उन्होंने 24 मार्च 2021 को तत्कालीन जिलाधिकारी को एक पत्र भेजकर मारपीट और अनुचित दबाव की शिकायत दर्ज कराई थी। उस शिकायत में करीब 11 लोगों के नाम सूचीबद्ध किए गए थे, जिनके खिलाफ कथित अवैध गतिविधियाँ और दलाली के आरोप थे। इसके बावजूद जिला प्रशासन की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जिनके तस्वीरें स्थानीय नेताओं और विभागीय अधिकारियों के साथ मिली हैं तथा कई बार चेंबर में बैठे हुए के सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध हैं।

26 सितंबर को कांग्रेस द्वारा आरटीओ कार्यालय के बाहर दलाली के खिलाफ किए गए प्रदर्शन के बाद मामले को फिर तूल मिला। प्रदर्शन के बाद आरटीओ कार्यालय ने जिला प्रशासन को दो पत्र लिखकर भ्रष्टाचार और दलालों की पहचान के बारे में जानकारी दी, पर इन पत्रों पर भी प्रशासन की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई। आशीष ने आरोप लगाया कि बाद में कुछ छापेमारी में जो लोग पकड़े गए, उन पर एफआईआर दर्ज की गई, पर जिन 11 नामों का उन्होंने पहले ही उल्लेख किया था, उन्हें एफआईआर में शामिल नहीं किया गया — जो इस बात का संकेत है कि कुछ लोगों को संरक्षण दिया जा रहा है।

विभागीय अधिकारी और कथित दलाल मिलकर आम जनता की कमाई को लूटने का काम कर रहे हैंआशीष ने यह भी दावा किया कि उप संभागीय परिवहन कार्यालय ने अपने विशेष सचिव के आदेश के अनुसार 20 अगस्त 2025 को एक महत्वपूर्ण निर्णय जारी किया था। उसी के तहत ‘दीपक ट्रेड लिंक’ नामक फर्म का अनुबंध (एग्रीमेंट) निरस्त कर दिया गया था, पर इसके बावजूद उन पर पुनः कार्रवाई नहीं हुई और फर्म से जुड़े लोगों को बचाया गया। उनके अनुसार, यही कारण है कि विभागीय अधिकारी और कथित दलाल मिलकर आम जनता की कमाई को लूटने का काम कर रहे हैं — जिनके माध्यम से सस्ते ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर 1,000-1,200 रुपये में मिलने वाला लाइसेंस असल में 67,000 रुपये में बनकर वसूला जा रहा है।

आशीष ने कहा कि परिवहन विभाग के अधिकारियों ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को कई पत्र लिखे जाने के बावजूद चिन्हित लोगों को बचाने की प्रवृत्ति दिखाई है। उन्होंने अधिकारीयों से अपील की है कि यदि शासन-प्रशासन निष्पक्षता से काम करेगा तो कई असामान्यताएँ और अन्याय सामने आ सकते हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।स्थानीय स्तर पर अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और लोग यह जानने के लिए बेचैन हैं कि क्या प्रशासन इन गंभीर आरोपों की जांच कर करवाई करेगा या फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा। जनता का कहना है कि पारदर्शिता और जवाबदेही के बिना किसी भी विभाग में भरोसा बनाए रखना मुश्किल है।

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