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Jalaun News: जालौन जेल का औचक निरीक्षण: डीएम-एसपी ने परखी व्यवस्था, मानवीय दृष्टिकोण पर जोर
Jalaun News: रोटी मशीन से महिला बैरक तक हर पहलू का जायजा, बंदियों के पुनर्वास पर फोकस
जालौन जेल का औचक निरीक्षण: डीएम-एसपी ने परखी व्यवस्था (photo; social media )
Jalaun News: जालौन के जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय और पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने आज जेल परिसर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ सख्त निगरानी का परिचय दिया, बल्कि बंदियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण को भी प्राथमिकता दी। निरीक्षण की शुरुआत जेल के रसोईघर से हुई, जहां अधिकारियों ने स्वचालित रोटी निर्माण मशीन पर ताजगी से फूलती रोटियां देखीं। उन्होंने मशीन की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए खाने की स्वच्छता, पोषण गुणवत्ता और स्वाद का भी बारीकी से जायजा लिया।
मौके पर मौजूद कर्मियों को बंदियों को समय पर गरम भोजन उपलब्ध करवाने के लिए निर्देशित किया गया। इसके बाद, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने महिला बैरक का निरीक्षण किया, जहां साफ-सफाई, पर्याप्त रोशनी और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति का जायजा लिया गया। जिलाधिकारी ने कुछ महिला बंदियों से सीधे संवाद किया और उनसे बिना किसी संकोच के अपनी समस्याएं बताने को कहा। उन्होंने जोर दिया कि जेल व्यवस्था में सुधार तभी संभव है जब बंदी खुलकर अपनी बात रख सकें। महिला बंदियों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि उन्हें नियमित रूप से भोजन, दवाइयां और अन्य मूलभूत सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं।
जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान
निरीक्षण के दौरान, जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया। सीसीटीवी निगरानी, गार्ड ड्यूटी और आपातकालीन निकासी मार्गों जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके साथ ही, बंदियों के पुनर्वास कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई। इनमें हस्तकला प्रशिक्षण, पुस्तकालय सुविधा और योग प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम शामिल थे, जिनका उद्देश्य बंदियों को समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए तैयार करना है।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने इस बात पर जोर दिया कि जेल व्यवस्था को सिर्फ नियंत्रण के नजरिए से नहीं, बल्कि सुधार की दृष्टि से चलाया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बंदियों के साथ संवेदनशील व्यवहार हो ताकि वे एक बेहतर इंसान बनकर समाज में लौट सकें और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा दे सकें। पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने भी जेल प्रशासन को आगाह किया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या अमानवीय व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और ऐसा पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संजय कुमार, जेल अधीक्षक नीरज देव सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे। यह निरीक्षण जेल प्रशासन को बंदियों के कल्याण और सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश देता है।
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