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Lucknow News: CM योगी के 'जनसुनवाई पोर्टल' में फर्जीवाड़ा! बिना जांच के लग रही झूठी रिपोर्ट, बकरीद पर हुई आपत्तिजनक पोस्ट के मामले में खुली पोल
Lucknow News: सीएम पोर्टल पर दर्ज शिकायतों में थाने के पुलिसकर्मियों से सांठगांठ के बाद झूठी रिपोर्ट लगाकर मामला रफादफा कर दिया जाता है। इसका खुलासा लखनऊ के मड़ियांव थाने में दी गई एक शिकायत के मामले में देखने को मिला।
False reports being made without investigation in CM Yogi Jansunwai Portal Aarfa post on bakrid case
Lucknow News: उत्तर प्रदेश को अपराधमुक्त बनाने व संगीन मामलों में पुलिसकर्मियों की कार्यशैली को परखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से CM जनसुनवाई पोर्टल की शुरुआत की गई। न्याय व्यवस्था को दुरुस्त करने की उम्मीद में शुरू हुए जनसुनवाई पोर्टल पर भी अब थाने की तरह ही न्याय प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है। तेजी से सामने आ रही शिकायतों के अनुसार, सीएम पोर्टल पर दर्ज शिकायतों में थाने के पुलिसकर्मियों से सांठगांठ के बाद झूठी रिपोर्ट लगाकर मामला रफादफा कर दिया जाता है। ताजा मामला लखनऊ से सामने आया, जहां सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली पोस्ट को लेकर जब लखनऊ की एक समाजसेविका की ओर से शिकायत की गई तो मामले में न तो मुकदमा दर्ज हुआ और न ही कोई अन्य कार्रवाई हुई। बल्कि सीएम पोर्टल पर इस मामले में आख्या लगाते हुए ये रिपोर्ट पेश की गई कि आवेदिका की ओर से वीडियो से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गयी है।
बकरीद पर आपत्तिजनक पोस्ट का था मामला, सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
आपको बता दें कि ये पूरा मामला बकरीद से जुड़ा हुआ था। बकरीद के मौके पर सोशल मीडिया X पर @Adv_AarfaKhanam नाम के हैंडल से एक आपत्तिजनक पोस्ट किया गया। पोस्ट में यूजर आरफा ने ईद-उल-अजहा की बधाई के साथ एक बालक और गौ (गाय) का चित्र साझा किया। इस पोस्ट के वायरल होने के बाद कहा जा रहा था कि इस पोस्ट में जानबूझकर हिन्दू धर्म की पवित्र प्रतीक गौमाता को ईद-उल-अजहा के परिप्रेक्ष्य में दिखाया गया है, जिससे भारत के करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
समाजसेविका ने थाने में तहरीर देकर की कार्रवाई की मांग
बकरीद पर पोस्ट हुई इस आपत्तिजनक तस्वीर को लखनऊ लखनऊ के मड़ियांव थाना क्षेत्र की रहने वाली समाजसेविका दिव्या गौरव त्रिपाठी ने स्थानीय थाने जाकर मामले में पोस्ट की जांच करने व पोस्ट करने वाले यूजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और तहरीर दी। समाजसेविका दिव्या गौरव ने अपनी तहरीर में कहा कि ये पोस्ट शांति व्यवस्था बनाए रखने के प्रयासों को सीधी चुनौती है। X उपयोगकर्ता अरफा का यह कृत्य यह भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 147, 196, 197, 296, 297 तथा 352 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है, जिसके चलते इसके खिलाफ शिकायत दर्ज की जाए।
नहीं दर्ज हुई FIR... CM पोर्टल पर अफसरों ने लगाई फर्जी रिपोर्ट
शिकायतकर्ता दिव्या गौरव त्रिपाठी ने बताया कि मामले में जब मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो सीएम के जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई गई। मामले में समाजसेविका ने बताया कि जन सुनवाई ऐप पर दर्ज कराई गई शिकायत की रिपोर्ट आने के बाद वो दंग रह गईं। उन्होंने बताया कि सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर बैठे अधिकारियों ने आख्या पेश करते हुए अपनी रिपोर्ट में लिखा कि 'समाजसेविका की ओर से तहरीर में किसी भी प्रकार के वीडियो का जिक्र नहीं किया गया था। बल्कि धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली पोस्ट का स्क्रीनशॉट अपनी तहरीर के साथ दिया गया था'। इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर यूपी पुलिस व लखनऊ पुलिस के साथ साथ सीएम के जनसुनवाई पोर्टल पर बैठे अफसरों की कार्यशैली पर जमकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
समाजसेविका बोलीं- 'जनसुनवाई पोर्टल पर मामले में पूरी तरह से फर्जी आख्या लगाई गई'
इस पूरे मामले को लेकर समाजसेविका दिव्या गौरव त्रिपाठी ने अपने सोशल मीडिया अकॉउंट पर लिखा कि गोहत्या के लिए उकसाने वाली @Adv_AarfaKhanam के खिलाफ लखनऊ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। FIR न दर्ज करने को लेकर @Uppolice ने @jansunwai_up पर जवाब दिया है। UP Police के अफसरों ने शिकायत तक ठीक से नहीं पढ़ी। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को टैग करते हुए लिखा कि जनसुनवाई पोर्टल पर मामले में पूरी तरह से फर्जी आख्या लगाई गई है। सोशल मीडिया पर यदि कोई गलत पोस्ट करता है तो क्या उसकी शिकायत के लिए पहले शिकायतकर्ता स्वयं जाकर आरोपी के घर का अड्रेस के बारे में पता करके आए। आपके अफसर किस तरह से मामले को निपटाते हैं, इससे अच्छा उदाहरण नहीं मिलेगा।
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