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Jaunpur News : भारतीय ज्ञान परंपरा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में नई पीढ़ी को प्रेरित करने का आह्वान
Jaunpur News : पूर्वांचल विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी, शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति पर हुआ व्यापक विमर्श
Jaunpur News ( Image From Social Media )
Jaunpur News: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संयुक्त तत्वावधान में "भारतीय ज्ञान परंपरा" विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति और नैतिकता जैसे विविध आयामों पर विस्तारपूर्वक विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख श्री स्वांत रंजन ने कहा कि महामना मदन मोहन मालवीय जी अपने विद्यार्थियों को सदैव सत्य, ब्रह्मचर्य, व्यायाम, विद्या, आत्मत्याग और देशभक्ति जैसे गुणों की शिक्षा देने पर बल देते थे।
यही गुण भारतीय ज्ञान परंपरा की आत्मा हैं और चरित्र निर्माण के लिए अनिवार्य हैं। उन्होंने क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद 'बिस्मिल' का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्र सेवा प्रत्येक नागरिक का धर्म है और नई पीढ़ी को इसी भावना से प्रेरित होना चाहिए। मुख्य वक्ता, इसरो के पूर्व वैज्ञानिक एवं प्रधानमंत्री के पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. ओम प्रकाश पांडे ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा का मूल उद्देश्य आत्मचेतना को जाग्रत करना है। उन्होंने महाराणा प्रताप की तलवार और सबरीमाला के पंचधातु दर्पण का उल्लेख करते हुए भारतीय कारीगरों की वैज्ञानिक दक्षता की सराहना की। उन्होंने कहा कि आंगन में तुलसी का पौधा लगाना केवल आस्था नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक भी था।
प्रो. पांडे ने यह भी कहा, “गुरु में अग्नि भाव होना चाहिए। शिक्षा केवल परीक्षा या पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवनदर्शन और आत्मविकास का माध्यम होनी चाहिए।” उन्होंने कुल परंपरा और गुरुकुल परंपरा को भारतीय शिक्षण पद्धति की मूल जड़ बताया। सारस्वत अतिथि, राजीव गांधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय, अमेठी के कुलगुरु प्रो. भृगुनाथ सिंह ने भारतीय ज्ञान परंपरा में इंजीनियरिंग और तकनीकी योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि पारंपरिक भारतीय विज्ञान को आधुनिक पाठ्यक्रम में शामिल करना आज की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय की शिक्षिका डॉ. प्रेमलता देवी ने भारतीय ज्ञान परंपरा में महिलाओं की भूमिका पर विस्तार से विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने योग और प्राणायाम को भारतीय ज्ञान परंपरा का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि मंत्रों की शक्ति चेतना और ऊर्जा का स्रोत हैं। कार्यक्रम का संचालन ईश्विका सिंह ने किया। स्वागत प्रो. मानस पांडे द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन शानू सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर प्रांत प्रचारक रामचंद्र, विभाग प्रचारक आदित्य, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह, प्रो. सूर्य प्रकाश सिंह, डॉ. विजय सिंह, डॉ. राहुल सिंह, कुलसचिव केशलाल, परीक्षा नियंत्रक विनोद कुमार सिंह, प्रो. मनोज मिश्र, डॉ. विजय तिवारी, डॉ. अनुराग मिश्रा, डॉ. सुनील कुमार, पर्यावरण प्रमुख महेंद्र, डॉ. प्रियंका कुमारी, डॉ. वनिता सिंह, डॉ. अजय दुबे एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के ज्ञानेंद्र, वरुण, शिवम सहित अनेक विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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