Lucknow News: राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस पर आयोजन: धूम-धाम मनाई गई डॉ. एस आर रंगनाथन जयंती

मुख्य वक्ता डॉ. प्रवीश प्रकाश ने कहा कि पुस्तकालय विज्ञान से जुड़े सभी लोगों को डॉ. रंगनाथन के जीवन दर्शन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

Virat Sharma
Published on: 12 Aug 2025 9:15 PM IST
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Lucknow News: Photo-Social Media 

Lucknow Today News: उत्तर प्रदेश पुस्तकालय संघ-लखनऊ शाखा की ओर से राजकीय पॉलीटेक्निक, अयोध्या रोड, लखनऊ में भारतीय पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के जनक पद्मश्री डॉ. एस आर रंगनाथन की 133वीं जयंती राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाई गई। इस अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रमुख अतिथियों और प्रमुख लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एसएन सिंह, प्रधानाचार्य, राजकीय पॉलीटेक्निक लखनऊ और मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. प्रवीश प्रकाश, एसोसिएट प्रोफेसर, पुस्तकालय विज्ञान विभाग, लविवि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और डॉ रंगनाथन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके की गई। इस दौरान उपस्थित सभी ने भारतीय पुस्तकालय व्यवस्था में रंगनाथन के योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

पुस्तकालय का महत्व

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एसएन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पुस्तकालय की उपादेयता कभी समाप्त नहीं हो सकती। लाइब्रेरियन को अपने पाठकों के लिए एक उत्तम वातावरण सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि पाठकों की पुस्तकालय में रुचि बनी रहे। साथ ही पुस्तकालयों में नवीनतम पुस्तकों का समावेश होना चाहिए, इसके लिए एक स्पष्ट नीति की आवश्यकता है।

रंगनाथन से प्रेरणा प्राप्त करें

मुख्य वक्ता डॉ. प्रवीश प्रकाश ने कहा कि पुस्तकालय विज्ञान से जुड़े सभी लोगों को डॉ. रंगनाथन के जीवन दर्शन से प्रेरणा लेनी चाहिए। लाइब्रेरियन को आधुनिकतम तकनीकी से सुसज्जित हो कर अपने पाठकों को नवीनतम सूचनाएं प्रदान करने की दृढ़ इच्छाशक्ति होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने से समाज में उनकी एक अलग पहचान बनेगी। उन्होंने कहा कि पुस्तकालयों में शैक्षिक विमर्श और परिचर्चा निरंतर होते रहने चाहिए ताकि ज्ञान का आदान-प्रदान होता रहे।

कार्यक्रम का संचालन और आभार

कार्यक्रम का संचालन सेक्रेटरी कुंवर अभिषेक प्रताप ने किया, जबकि अध्यक्ष विनोद कुमार मिश्र ने कार्यक्रम के समापन पर आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद कर आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम समिति में मो. एहतिशाम, सुशील त्रिपाठी, हिमांशु अंचल, अफरोज आलम, सुनील कुमार और लखनऊ के विभिन्न संस्थानों के लाइब्रेरियन उपस्थित रहे। वहीं इस आयोजन ने डॉ. एसआर रंगनाथन के योगदान को सम्मानित करने और पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा देने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया।

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