Jaunpur News: पीयू में सीपीआर प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न, डॉ. शिव शक्ति ने कहा- 'सीपीआर आकस्मिक हृदयाघात में जीवन रक्षक'

Jaunpur News: पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में सीपीआर प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न, विशेषज्ञों ने बताया—हृदयाघात में गोल्डन टाइम के भीतर सही सीपीआर से बचाई जा सकती है जान।

Nilesh Singh
Published on: 18 Aug 2025 5:22 PM IST
CPR training workshop held at PU Shiv Shakti says- CPR is life saver in emergency heart attack
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पीयू में सीपीआर प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न, डॉ. शिव शक्ति ने कहा- 'सीपीआर आकस्मिक हृदयाघात में जीवन रक्षक' (Photo- Newstrack)

Jaunpur News: जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में हृदयाघात से होने वाली आकस्मिक मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यशाला अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय एवं मनोविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में सम्पन्न हुई।

सीपीआर से गोल्डन टाइम में बचाई जा सकती है जान

कार्यक्रम के मुख्य प्रशिक्षक और वाराणसी के राजकीय चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने मानव शरीर की डमी पर सीपीआर का लाइव डेमो दिया। उन्होंने बताया कि कार्डियक अरेस्ट में पहला तीन मिनट “गोल्डन टाइम” होता है। यदि इस समय के भीतर सही प्रक्रिया से सीपीआर दिया जाए, तो मरीज़ की जान बच सकती है।

उन्होंने बताया कि कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में मरीज़ को कठोर सतह पर लिटाकर छाती के बीचोंबीच प्रति मिनट 100-120 बार दबाव देना चाहिए। हर 30 प्रेस के बाद दो बार मुंह से सांस दी जाती है, जिसे “रेस्क्यू ब्रीदिंग” कहा जाता है। यह प्रक्रिया तब तक जारी रखनी चाहिए जब तक पेशेवर मदद न मिल जाए या मरीज़ को होश न आ जाए।

सीपीआर सभी को सीखना जरूरी

डॉ. द्विवेदी ने कहा कि सीपीआर केवल डॉक्टर ही नहीं बल्कि आम नागरिक, छात्र, शिक्षक, पुलिसकर्मी और कर्मचारियों को भी सीखना जरूरी है।

कुलपति ने बताया जीवन बचाने का विज्ञान

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि “सीपीआर प्रशिक्षण केवल तकनीकी ज्ञान नहीं है, बल्कि यह जीवन बचाने की शक्ति है। इसे हर शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारी तक पहुंचाना हमारा प्रयास होगा।”

विशेषज्ञों ने साझा किए विचार

इस अवसर पर उमानाथ सिंह चिकित्सा महाविद्यालय के डॉ. अरविंद पटेल ने प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने कहा कि सीपीआर एक बेसिक लाइफ स्किल है जिसे सभी को जानना चाहिए।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि प्रतिवर्ष लाखों लोग हृदयाघात के कारण अपनी जान गंवाते हैं, जबकि समय पर सही सीपीआर देने से जीवन बचाया जा सकता है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज पांडे ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अजय प्रताप सिंह ने दिया।

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