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Lucknow News: इमरजेंसी में इलाज लिए डॉक्टरों को विशेष ट्रेनिंग
Lucknow News: बलरामपुर अस्पताल में 26 डॉक्टरों की इमरजेंसी में उपचार के लिए विशेष ट्रेनिंग शुरू की गयी है। यह चार दिन चलेगी जिसमे इमरजेंसी के दौरान डॉक्टरों को हर तरह का प्रशिक्षण दिया जायेगा ।
Lucknow News: बलरामपुर हॉस्पिटल में गुरुवार को चार दिवसीय इमरजेंसी मैनेजमेंट वर्कशॉप डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल फिजिशियन ट्रेनिंग (DHPT) की शुरुआत की गई है। बलरामपुर अस्पताल की निदेशक डॉ.कविता आर्या इसकी शुरूआत की है।
पूरे प्रदेश के डिस्ट्रिक्ट अस्पतालों में फीजीशियन डॉक्टरों को अब पेशेंट मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। इसकी शुरूआत सबसे पहले लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल से कराई गई है। यह ट्रेनिंग उत्तर प्रदेश में 108 एवं 102 एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संस्था ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज की ओर से दी जा रही है। ट्रेनिंग में लखनऊ जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में तैनात 26 डॉक्टर्स ने हिस्सा लिया है।
चार दिन की होगी ट्रेनिंग
ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के इमरजेंसी मेडिसिन लर्निंग सेंटर (EMLC) विभाग की ओर से चार दिवसीय ट्रेनिंग में प्रमुख रूप से बेसिक एवं एडवान्स्ड लाइफ सपोर्ट, बेसिक एंड एडवांसड एयरवे मैनेजमेंट, एक्सरे एवं ईसीजी, शॉक, प्वायजनिंग, ट्रॉमा मैनेजमेंट, बर्न मैनेजमेंट, स्नेक बाइट, कार्डियक अरेस्ट सहित अन्य इमरजेंसी के मैनेजमेंट बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी।
डॉक्टर चाहे तो इमरजेंसी में बच सकता है मरीज
डॉ. कविता आर्या ने कहा कि इमरजेंसी में डॉक्टर सही प्रयास करें तो समय से इलाज मिलने पर हम ज्यादा से ज्यादा मरीजों को बचा सकते हैं। उन्होंने गोल्डन आवर में इलाज देने पर जोर देते हुए कहा कि अगर मरीज को गोल्डन आवर मरीजों के लिए बहोत महत्वपूर्ण होता है। इस समय त्वरित उपचार दिया जाए तो वह आराम बच जाएगा।
रेफर करने से पहले मरीज को करें स्टेबलाइज
डॉ. राजा नरसिंह राव ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल फिजिशियन ट्रेनिंग विशेष तौर से ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे डॉक्टर्स के लिए है। मरीज के प्राइमरी स्टेबलाइजेशन में मददगार साबित होगी। उन्होंने बताया कि रोड एक्सीडेंट या अन्य इमरजेंसी के मरीज अस्पताल में आते हैं, तो गंभीर स्थिति में रेफर किए जाने से पहले स्टेबलाइज करना जरूरी है। गोल्डन आवर में प्राइमरी स्टेबलइजेशन से हम काफी मरीजों को बचा सकते हैं।
कार्डियक करेस्ट एक मेडिकल इमरजेंसी
डॉ.रवीन ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट एक मेडिकल इमरजेंसी है। जिसमें समय पर लाइफ सपोर्ट देकर उनकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि एक्सीडेंट का पेशेंट आने पर एयरवे एवं शॉक मैनेजेंट महत्वपूर्ण है। उन्होंने डॉक्टर्स को इमरजेंसी के दौरान यूज होने वाली सभी स्किल के बारे जानकारी दी। ताकि ज्यादातर मरीजों को उसी अस्पताल में इलाज किया जा सके। वहीं, डॉ. ले. कर्नल डॉ. संदीप ने स्नेकबाइट मैनेजमेंट एवं प्वाइजनिंग केसेज के इमरजेंसी ट्रीटमेंट के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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