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Jhansi News: बरसात के मौसम में मछलियों की सामान्य देखभाल और स्वास्थ्य प्रबंधन
Jhansi News: डॉ. अनुज त्यागी और डॉ. प्रमोद कुमार पाण्डेय ने बताया कि बरसात के मौसम में मछलियों को अचानक वतावारण परिवर्तन से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सामान्य सावधानियों के साथ-साथ, उचित जलीय गुणवत्ता और स्वास्थ्य प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है।
मछलियों की सामान्य देखभाल और स्वास्थ्य प्रबंधन (photo: social media )
Jhansi News: रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी के मात्स्यकी महाविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बरसात के मौसम में मछलियों की देखभाल और स्वास्थ्य प्रबंधन की सलाह दी है।
डॉ. अनुज त्यागी और डॉ. प्रमोद कुमार पाण्डेय ने बताया कि बरसात के मौसम में मछलियों को अचानक वतावारण परिवर्तन से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सामान्य सावधानियों के साथ-साथ, उचित जलीय गुणवत्ता और स्वास्थ्य प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। तालाब की तटबंधो को कटाव से बचाना जरुरी है। तालाब में पानी का स्तर तटबंध से 2 फीट कम रखना चाहिए। अगर तालाब निचले क्षेत्र में स्थित है तो तालाब के तटबंधो को आसपास के जलग्रह दृ क्षेत्र से कम से कम 3-4 फीट ऊँचा रंखना चाहिए, अन्यथा आसपास के कृषि क्षेत्र से प्रदूषक तत्व, कीटनाशक मछलियों को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
मछलियों में बीमारियों की संभवना
उन्होंने बताया कि इसके आलावा, तालाब में अत्याधिक आर्गेनिक तत्व जमा हो सकतें हैं और पानी का रंग मटमैला हो सकता है। बरसात के मौसम में अचानक तापमान, पानी में घुली ऑक्सीजन या पीएच का कम हो जाना प्रमुख समस्याएँ हैं। यह सभी कारक मछलियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालते हैं, और मछलियों में बीमारियों की संभवना बढ़ जाती है। कार्बनिक तत्वों, पानी के (गन्दे) मटमैलेपन तथा कम पीएच को प्रबंधन करने के लिए, उचित मात्रा में चूने के प्रयोग की सलाह दी जाती है। अत्याधिक बरसात के समय, तालाब के तटबंधो पर चूने का छिड़काव किया जा सकता है। यह चूना बरसात के पानी में घुलकर, तालाब के पानी की पीएच गिरने से बचाएगा। यदि उपलब्ध हो तो बरसात के समय तालाब में अरिएटर को चलाना चाहिए। अपव्यय को रोकने के लिए तथा कार्बनिक तत्वों को प्रबंधन करने के लिए, भोजन की मात्रा को तापमान के अनुसार समायोजित करना आवश्यक है।
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