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Kanpur News: 'बॉस' की एक व्हाट्सएप प्रोफाइल ने डुबोए 1.06 करोड़, मुख्य आरोपी हुआ गिरफ्तार
Kanpur News: व्हाट्सएप पर निदेशक की फर्जी प्रोफाइल बनाकर कंपनी से ₹1.06 करोड़ हड़पे, पुलिस ने मध्य प्रदेश के मंदसौर से मास्टरमाइंड राजेंद्र शर्मा को पकड़ा।
'बॉस' की एक व्हाट्सएप प्रोफाइल ने डुबोए 1.06 करोड़, मुख्य आरोपी हुआ गिरफ्तार (Photo- Newstrack)
Kanpur News: कानपुर। सावधान! आपका 'बॉस' भी व्हाट्सएप पर फर्जी हो सकता है। कानपुर में सामने आए एक सनसनीखेज साइबर फ्रॉड मामले ने साबित कर दिया है कि एक छोटी सी प्रोफाइल तस्वीर और निर्देश का मैसेज किसी कंपनी को करोड़ों का चूना लगा सकता है। यह मामला एक करोड़ छह लाख रुपये की ठगी का है, जिसे अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी राजेंद्र शर्मा को पुलिस ने मध्य प्रदेश के मंदसौर से धर दबोचा है।
'बॉस' का मैसेज और करोड़ का ट्रांसफर -
कहानी शुरू होती है 10 अक्टूबर 2025 की सुबह 10:39 बजे, जब एस.एन.डी. साल्वेन्ट प्रा. लि. के अकाउंटेंट गजेन्द्र सिंह राठौर के मोबाइल पर एक अपरिचित व्हाट्सएप नंबर से संदेश आता है। इस नंबर की प्रोफाइल पर कंपनी के निदेशक की तस्वीर लगी थी। अकाउंटेंट को लगा कि यह उनके वास्तविक निदेशक का ही नंबर है। 'बॉस' के संदेश में निर्देश था कि तुरंत कुछ बैंक खातों में बड़ी राशि ट्रांसफर की जाए। बिना किसी संदेह के, श्री राठौर ने निर्देश का पालन किया और आनन-फानन में कुल ₹1.06 करोड़ अलग-अलग खातों में भेज दिए। ठगी का यह खेल तब उजागर हुआ जब अकाउंटेंट ने बाद में वास्तविक निदेशक से बात की। तब जाकर उन्हें पता चला कि वह एक बड़े साइबर जाल में फंस चुके हैं।
कर्जदार बना 'साइबर खिलाड़ी'
साइबर क्राइम थाना में धोखाधड़ी (मु.अ.सं. 61/2025, धारा 318 (4) बी.एन.एस. और 66 डी आईटी एक्ट) का मुकदमा दर्ज होते ही, कानपुर पुलिस ने जांच शुरू की। तकनीकी विश्लेषण और बैंक ट्रेल के सहारे, पुलिस की विशेष टीम पांच दिन के भीतर ही मुख्य अभियुक्त तक पहुंच गई। मध्य प्रदेश पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई में मंदसौर से अभियुक्त राजेन्द्र शर्मा को गिरफ्तार किया गया। राजेंद्र शर्मा की कहानी किसी मजबूरी की पटकथा से कम नहीं है। इंटरमीडिएट तक शिक्षित और छोटे-मोटे व्यापार करने वाले राजेंद्र पर भारी कर्ज था। बेटी की शादी के लिए लोन न मिलने और कर्जदारों से बचने के लिए वह मंदसौर रहने लगा था।
उदयपुर में रची गई थी करोड़ों की योजना
पुलिस पूछताछ में राजेंद्र शर्मा ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि कर्ज चुकाने के लिए उसने यह रास्ता चुना। उसके एक रिश्तेदार ने ही उसे यह 'स्कीम' बताई थी कि वह एक करेंट अकाउंट खुलवाए, जिसमें साइबर फ्रॉड का पैसा आएगा और उसे बराबर का हिस्सा मिलेगा। इस फ्रॉड की पूरी योजना उदयपुर में रची गई थी, जिसमें राजेंद्र ने केवल पैसों के ट्रांसफर में भागीदार बनने की हामी भरी थी। अपराध के पैसे से अपने रिश्तेदार को भी हिस्सा देकर खुद को बचाने की उसकी चाल भी पुलिस के सामने उजागर हो गई। पुलिस अब इस साजिश में शामिल अन्य बैंक खातों, ट्रांजेक्शनों और उसके रिश्तेदार समेत पूरे नेटवर्क की गहन जांच कर रही है।
25,000 का इनाम और पुलिस की अपील
कानपुर के पुलिस आयुक्त ने इस गिरफ्तार अभियुक्त से पूछताछ की और इस सफलता के लिए विशेष टीम को ₹25,000 का इनाम भी दिया।इस के साथ आम नागरिकों को आगाह किया है कि वे व्हाट्सएप या किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'बॉस' या किसी परिचित की प्रोफाइल फोटो देखकर तुरंत किसी भी वित्तीय निर्देश पर भरोसा न करें। किसी भी बड़े लेनदेन से पहले फोन कॉल या प्रत्यक्ष रूप से संपर्क कर व्यक्ति की पहचान की पुष्टि करना अनिवार्य है। संदेह होने पर तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना दें।
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