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Kaushambi News: परामर्श केंद्र पुरस्कार की ओर अग्रसर, अर्चना चौबे किसी कथा वाचक से कम नहीं
Kaushambi News: कौशांबी में अपराध पर प्रभावी नियंत्रण रखते हुए अपराधियों को जेल की सलाखों तक पहुँचाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर परिवार परामर्श केंद्र, कौशांबी भी समाज में बढ़ते पारिवारिक विवादों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
Police Counseling Center
Kaushambi News: एक ओर जहाँ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के कुशल नेतृत्व में जनपद कौशांबी में अपराध पर प्रभावी नियंत्रण रखते हुए अपराधियों को जेल की सलाखों तक पहुँचाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर परिवार परामर्श केंद्र, कौशांबी भी समाज में बढ़ते पारिवारिक विवादों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।दिनांक 19 व 20 अगस्त को मात्र दो दिनों में दो परिवारों के बीच उत्पन्न वैवाहिक विवाद को सफलतापूर्वक सुलझाया गया। पति-पत्नी के बीच मनमुटाव, आपसी दूरी और मुकदमेबाजी की स्थिति को खत्म कर उन्हें पुनः एक साथ जीवन बिताने के लिए प्रेरित किया गया।इस सराहनीय प्रयास के पीछे एक सशक्त नाम है – परामर्श केंद्र प्रभारी, उप निरीक्षक अर्चना चौबे।
अर्चना चौबे न केवल संवेदनशीलता और व्यावसायिकता के साथ समस्याओं को समझती हैं, बल्कि वे धार्मिक और नैतिक मूल्यों का सहारा लेकर भी लोगों को मार्गदर्शन देती हैं। वे समय-समय पर गोस्वामी तुलसीदास की चौपाइयों और रामायण के प्रसंगों का उल्लेख कर विवाद में उलझे दंपतियों को सुलह और संस्कारों की ओर मोड़ती हैं।विशेष रूप से उन्होंने सती अनुसूया द्वारा माता सीता को दिए गए 'नारी धर्म' उपदेश का प्रसंग साझा कर यह स्पष्ट किया कि पारिवारिक जीवन में धैर्य, समझ और समर्पण कितना आवश्यक है।इस प्रेरणादायक पहल का परिणाम यह हुआ कि दोनों दंपतियों ने अपनी-अपनी गलतियों को स्वीकारते हुए भविष्य में पुनरावृत्ति न करने का संकल्प लिया और विधिवत लिखित समझौते के माध्यम से परस्पर सामंजस्य स्थापित कर लिया।
नेतृत्व और चयन की कुशलता
यह सफलता केवल परामर्श केंद्र तक सीमित नहीं है, बल्कि पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार की दूरदृष्टि और टीम चयन में कुशलता को भी दर्शाता है। चाहे थाना प्रभारी हों, क्षेत्राधिकारी हों या चौकी प्रभारी—हर स्थान पर सही अधिकारी की नियुक्ति, व्यवस्था की सफलता की कुंजी है। उसी प्रकार, अर्चना चौबे का परामर्श केंद्र प्रभारी के रूप में चयन, एक सटीक निर्णय साबित हुआ है।यदि यही समर्पण और कार्यशैली बनी रही, तो वह दिन दूर नहीं जब अर्चना चौबे को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए पुलिस विभाग द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
समझौते के समय विशिष्ट उपस्थिति
समझौते के समय कई वरिष्ठ पत्रकार, अधिवक्ता, और दोनों पक्षों के परिवारजन उपस्थित रहे। सुलह की प्रक्रिया पूरी होने के बाद लोग एक-दूसरे से यही कहते नजर आए:परामर्श केंद्र प्रभारी अर्चना चौबे किसी धार्मिक कथा वाचक से कम नहीं।"
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