Lakhimpur Kheri News: खाद वितरण में अनियमितता और दबाव का आरोप, सचिव से अभद्रता के बाद मचा बवाल

Lakhimpur Kheri News: जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी इस पूरे मामले पर कड़ी नजर रख रही हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि खाद की कालाबाजारी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और किसी के दबाव में खाद की बिक्री नहीं की जाएगी।

Sharad Awasthi
Published on: 20 July 2025 8:40 PM IST
Irregularities and pressure in fertilizer distribution alleged, child talking after rudeness from secretary
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खाद वितरण में अनियमितता और दबाव का आरोप, सचिव से अभद्रता के बाद मचा बवाल (Photo- Newstrack)

Lakhimpur Kheri News: लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश: लखीमपुर खीरी जिले में इन दिनों किसानों को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, वहीं सत्ता पक्ष के कुछ लोगों पर अपने कार्यकर्ताओं को मनमाफिक खाद दिलवाने का आरोप लग रहा है। ताजा मामला विकासखंड मितौली की एक ग्राम पंचायत से सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने साधन सहकारी समिति के सचिव से जातिसूचक गाली-गलौज करते हुए उन्हें देख लेने की धमकी दी है। इस घटना के बाद खाद वितरण प्रणाली में व्याप्त अनियमितताओं और दबाव की राजनीति पर गंभीर सवाल उठ गए हैं।

"उल्टी गंगा बहने" का लगा आरोप

जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी इस पूरे मामले पर कड़ी नजर रख रही हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि खाद की कालाबाजारी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और किसी के दबाव में खाद की बिक्री नहीं की जाएगी। इसके बावजूद, मितौली की साधन सहकारी समिति में "उल्टी गंगा बहने" का आरोप है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, क्षेत्रीय माननीय से लेकर ग्राम प्रधान और अन्य प्रभावशाली लोग थैलियों में भरकर खाद ले जा रहे हैं, जिससे जरूरतमंद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। आरोप है कि इस पूरे मामले पर ब्लॉक प्रशासन से लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन तक मौन धारण किए हुए हैं।

अभद्रता के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी

बीते दिनों साधन सहकारी समिति के सचिव के साथ हुई अभद्रता ने इस मामले को और गरमा दिया है। बताया जा रहा है कि गांव के ही एक व्यक्ति ने सचिव से इतनी अभद्रता की कि सचिव नौकरी छोड़ने पर मजबूर हो गए। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस घटना के बाद क्षेत्रीय सफेदपोश नेता आरोपी की मदद करने के लिए मितौली इंस्पेक्टर शिवाजी राव को फोन कर उसे बचाने का दबाव बना रहे हैं। आरोप है कि संबंधित "माननीय" की कॉल डिटेल भी इसकी पुष्टि कर सकती है।

खाद वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर भी उठ रहे सवाल

यह स्थिति न केवल किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रही है, बल्कि खाद वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े कर रही है। यदि प्रशासन द्वारा तत्काल और कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो खाद को लेकर किसानों की नाराजगी और बढ़ सकती है, जिसका खामियाजा स्थानीय स्तर पर कानून-व्यवस्था और कृषि उत्पादन दोनों को भुगतना पड़ सकता है।

वहीं जब इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात करने के लिए फोन किया गया तो फोन नहीं उठा।

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