Lucknow Ka Itihas Wikipedia: लखनऊ का राजसी इतिहास, रामायणकाल से नवाबी ठाठ तक की रोचक दास्तान

Lucknow History Wikipedia in Hindi: लखनऊ पर आधारित यह लेख शहर की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक विशेषताओं का संपूर्ण परिचय कराता है।

Shivani Jawanjal
Published on: 28 July 2025 12:12 PM IST
Lucknow Ka Itihas Wikipedia
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Lucknow Ka Itihas Wikipedia: नवाबों की तहज़ीब, शायरों की महफ़िल और शाही विरासत की पहचान - लखनऊ सिर्फ एक शहर नहीं बल्कि एक जीवित इतिहास है, जो अपनी संस्कृति, कला और अदब से भारत की आत्मा को सजाता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, गोमती नदी के किनारे बसा एक ऐसा शहर है जो परंपरा और आधुनिकता का बेमिसाल संगम प्रस्तुत करता है। 'शीर-ओ-शायरी की नगरी' के नाम से मशहूर यह शहर न केवल अपनी अदब और तहज़ीब के लिए प्रसिद्ध है। बल्कि यह भारत का एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और राजनीतिक केंद्र भी है। लखनऊ की हवाओं में नज़ाकत है, इसके खाने में नवाबी स्वाद है और इसकी गलियों में इतिहास की सौंधी ख़ुशबू बसी है। यही वजह है कि नवाबों के इस शहर को जानना, भारत की गहराई से समझ पाने की एक अनोखी शुरुआत है।

लखनऊ का संक्षिप्त इतिहास


लखनऊ का इतिहास भी इस शहर की तरह ही समृद्ध, विस्तृत और गौरवपूर्ण रहा है। इसकी प्राचीन जड़ें पौराणिक अवध क्षेत्र से जुड़ी हैं, जिसे रामायण काल में भगवान श्रीराम के अनुज लक्ष्मण द्वारा बसाया गया नगर माना जाता है। उस काल में इसे ‘लक्ष्मणपुर’ या ‘लखनपुर’ के नाम से जाना जाता था। मुग़ल शासनकाल में यह क्षेत्र अवध प्रांत का भाग रहा, जिसकी राजधानी पहले फ़ैज़ाबाद थी। किंतु 1775 ईस्वी में चौथे नवाब आसफ-उद्दौला ने राजधानी को फ़ैज़ाबाद से लखनऊ स्थानांतरित कर दिया। जिससे यह शहर नवाबी संस्कृति, कला, संगीत और स्थापत्य का प्रमुख केंद्र बन गया। नवाबी दौर की भव्यता आज भी बड़े इमामबाड़ा, छोटे इमामबाड़ा और रूमी दरवाज़ा जैसे ऐतिहासिक स्मारकों में झलकती है। वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लखनऊ एक मुख्य क्रांतिकारी केंद्र रहा जहाँ ब्रिटिश रेज़ीडेंसी की ऐतिहासिक घेराबंदी हुई। ब्रिटिश शासनकाल में भी लखनऊ ने शिक्षा, प्रशासन और संचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की तथा स्वतंत्रता आंदोलन में भी इस शहर ने अहम भूमिका निभाई।

लखनऊ का क्षेत्रिय विस्तार


लखनऊ शहर विविध क्षेत्रों और उनकी विशिष्टताओं के लिए जाना जाता है। हजरतगंज को शहर का दिल कहा जाता है जहाँ शॉपिंग, सांस्कृतिक गतिविधियाँ और व्यावसायिक केंद्र एक साथ मिलते हैं। गोमती नगर लखनऊ की सबसे बड़ी और आधुनिक टाउनशिप है जो रिहायशी, व्यावसायिक और शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र है। अलीगंज एक पुराना लेकिन महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो शिक्षा और व्यवसाय के लिए प्रसिद्ध है। जबकि राजाजीपुरम मध्यमवर्गीय परिवारों की पहली पसंद बन चुका है। इंदिरा नगर, एक योजनाबद्ध और सुव्यवस्थित कॉलोनी है जिसे एशिया की सबसे बड़ी रिहायशी कॉलोनियों में गिना जाता है।

चौक क्षेत्र लखनऊ की पारंपरिक नवाबी विरासत को जीवित रखे हुए है, जहाँ आज भी ज़री, चूड़ी, अत्तर और मशहूर खाद्य पदार्थों की पारंपरिक दुकानें हैं। अन्य क्षेत्रों में अमराईगांव और आशियाना तेजी से विकसित हो रहे नए रिहायशी क्षेत्र हैं। वहीं कैसरबाग अपने ऐतिहासिक महत्व और सरकारी कार्यालयों के लिए जाना जाता है। मलिहाबाद आम की खेती और ग्रामीण जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध है। जबकि मड़ियांव और सरोजिनी नगर जैसे इलाके लगातार शहरी विस्तार का हिस्सा बन रहे हैं। कानपुर रोड लखनऊ का प्रमुख संपर्क मार्ग है जिसके आस-पास कई आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र विकसित हो रहे हैं।

किसकी कितनी आबादी?


बीते वर्षों में लखनऊ ने न केवल भौगोलिक रूप से विस्तार किया है, बल्कि जनसंख्या वृद्धि में भी तेज़ी दिखाई है। वर्ष 2021 के अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या लगभग 34 लाख (3.4 मिलियन) के करीब पहुँच चुकी है। जबकि 2011 की जनगणना में यह आंकड़ा लगभग 28 लाख था। धार्मिक दृष्टि यह शहर विविधता से भरा हुआ है। शहर की लगभग 72% आबादी हिंदू है तो वही करीब 25% आबादी मुस्लिम धर्म का अनुसरण करती है , तो वही शेष 3% जनसंख्या में ईसाई, सिख, जैन तथा बौद्ध जैसे समुदाय सम्मिलित हैं। यह सांस्कृतिक समरसता ही लखनऊ को एक जीवंत, समावेशी और सौहार्दपूर्ण नगरी बनाती है।

क्या कहता है जातिगत विवरण?

लखनऊ की सामाजिक संरचना विविध जातीय और धार्मिक समुदायों से मिलकर बनी है। यहाँ सवर्ण जातियों में ब्राह्मण, क्षत्रिय, कायस्थ और वैश्य समुदाय प्रमुख हैं। जो पारंपरिक रूप से शिक्षा, प्रशासन, व्यापार और सरकारी सेवाओं में अग्रणी रहे हैं। ओबीसी वर्ग में यादव, कुर्मी, कश्यप, नाई, लोहार और कहार जैसे समुदाय बड़ी संख्या में हैं। जो कृषि, व्यापार और पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े हुए हैं। अनुसूचित जातियों में पासी, चमार और धोबी समुदाय उल्लेखनीय हैं । जिनका शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मजबूत सामाजिक आधार है और जो सरकारी योजनाओं के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक प्रगति कर रहे हैं।

मुस्लिम समुदाय में शिया और सुन्नी दोनों संप्रदायों की उपस्थिति है। जिसमें अंसारी, पठान, सैफ़ी और काज़ी जैसे जातीय समूह पारंपरिक शिल्प, व्यापार और धार्मिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लखनऊ को उत्तर भारत का शिया सांस्कृतिक केंद्र भी माना जाता है। इसके अलावा सिख, ईसाई, बंगाली और अन्य प्रवासी समुदाय भी लखनऊ की सामाजिक बनावट में सम्मिलित हैं। जो अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान के साथ शहर की विविधता को और भी समृद्ध करते हैं।

लोकसभा और विधानसभा प्रतिनिधि

लखनऊ लोकसभा क्षेत्र के वर्तमान सांसद (2024) राजनाथ सिंह हैं जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य होने के साथ-साथ भारत सरकार में केंद्रीय रक्षा मंत्री का पद भी संभाल रहे हैं। इसके अतिरिक्त लखनऊ जिले में कुल 9 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनके विधायक 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अनुसार इस प्रकार हैं: लखनऊ पश्चिम से अरमान खान (समाजवादी पार्टी), लखनऊ उत्तर से डॉ. नीरज बोरा (भाजपा), लखनऊ पूर्व से आशुतोष टंडन (भाजपा), लखनऊ मध्य से रविदास मेहरोत्रा (समाजवादी पार्टी), लखनऊ कैंट से बृजेश पाठक (भाजपा), सरोजिनी नगर से राजेश्वर सिंह (भाजपा), बख्शी का तालाब से अविनाश त्रिपाठी (भाजपा), मलिहाबाद से जयदेव सिंह (भाजपा) और मोहनलालगंज से अमरेश कुमार (भाजपा) विधायक हैं। इससे स्पष्ट होता है कि लखनऊ का राजनीतिक परिदृश्य प्रमुख रूप से भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच गतिशील है और राजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ नेता इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

प्रमुख सरकारी कार्यालय


लखनऊ उत्तर प्रदेश का न केवल राजनीतिक बल्कि प्रशासनिक और न्यायिक केंद्र भी है। यहाँ राज्य की विधानसभा का मुख्य भवन स्थित है, जहाँ विधायी कार्यवाही संपन्न होती है। राज्य सचिवालय परिसर के अंतर्गत लोक भवन, शास्त्री भवन और एनेक्सी जैसे प्रमुख भवनों में मुख्यमंत्री कार्यालय सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विभाग कार्यरत हैं। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का आधिकारिक निवास राजभवन भी यहीं स्थित है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच राज्य के कानूनी मामलों का एक प्रमुख न्यायिक केंद्र है। जबकि गोमती नगर में स्थित उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय राज्य की कानून-व्यवस्था की निगरानी करता है। लखनऊ नगर निगम शहर की नागरिक सेवाओं जैसे स्वच्छता, जलापूर्ति और शहरी नियोजन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शहर में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), संजय गांधी पीजीआई (SGPGIMS) और डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान जैसे प्रमुख चिकित्सा संस्थान स्थित हैं जो उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं। इसके अलावा यूपीपीएससी कार्यालय राज्य में लोक सेवा भर्ती की प्रमुख संस्था है। राज्य सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग, विधानसभा पुस्तकालय और अभिलेखागार जैसे संस्थान भी लखनऊ में स्थित हैं। जो इसे एक संपूर्ण प्रशासनिक और बौद्धिक केंद्र बनाते हैं।

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