UP News: बुंदेलखण्ड को पर्यटन मानचित्र पर लाने की बड़ी पहल: सीएम योगी ने पीएम को लिखा पत्र

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में राज्य सरकार के स्वामित्व में स्थित स्मारक स्थलों का संरक्षण, संर्वधन एवं विकास कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

Virat Sharma
Published on: 23 Sept 2025 9:13 PM IST
Lucknow News
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Lucknow News: Photo-Social Media

Uttar Pradesh News: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित तालबेहट किला (जिला ललितपुर) कालिंजर किला (जनपद बांदा) मडफा (जिला चित्रकूट) बरूआ सागर झांसी के घाट की सीढ़ियों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 के अंतर्गत राज्य सरकार को हस्तांतरित करने का अनुरोध किया है।

पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा कि शौर्य पराक्रम की गाथाओं से परिपूर्ण बुंदेलखण्ड भूभाग का भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता के विकास में अमूल्य योगदान है, और शैक्षणिक, सांस्कृतिक, कालात्मक, प्राकृतिक, अध्यात्मिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत समृद्धशाली क्षेत्र है, किन्तु कतिपय कारणों से वर्ष 2014 तक यह क्षेत्र उपेक्षित रहा। बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के अवसर पर आप द्वारा प्रेरणा दी गई थी कि बुंदेलखण्ड में स्थित महलों, किलों तथा स्मारकों को संरक्षित कर इन्हें पर्यटन की दृष्टि से विश्व पटल पर स्थापित कर इनका विकास कराया जाए।

बुंदेलखण्ड भारत का हृदयस्थल है

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 16 सितंबर, 2025 को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बुंदेलखण्ड की भौगोलिक तथा पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों का विवरण देते हुए कहा है कि बुंदेलखण्ड भारत का हृदयस्थल है। पहले इस क्षेत्र को दशार्ण दस नदियों का क्षेत्र, जेजाकभुक्ति और जुझौती कहा जाता था। यह क्षेत्र पाषाण काल से ही मानव की गतिविधियों का साक्षी रहा है। कालांतर में गुप्त एवं चंदेल राजाओं द्वारा यहां पर अनेक मंदिरों, किलों का निर्माण कराया गया है।

कुल 31 स्थानों को चयनित किया है

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में राज्य सरकार के स्वामित्व में स्थित स्मारक स्थलों का संरक्षण, संर्वधन एवं विकास कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। फलस्वरूप बुंदेलखण्ड के स्थानीय निवासियों को जीवन यापन के लिए साधान उपलब्ध हो सकेंगे और ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण किया जा सकेगा। इस प्रकार बुंदेलखण्ड के ऐतिहासिक महत्व को विश्व पटल पर प्रमुख स्थान प्राप्त होगा। इसके लिए विशेषज्ञ संस्था पर्यावरण, नियोजन और प्रौद्योगिकी केन्द्र (सीईपीटी यूनिवर्सिटी) अहमदाबाद से सर्वेक्षण एवं अध्ययन कराया गया है। सेप्ट ने अपने अध्ययन रिपोर्ट में कुल 31 स्थानों को चयनित किया है।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इन चयनित स्थानों की संभवनाओं एवं उनके संरक्षण तथा विकास की रूपरेखा व कार्ययोजना तैयार की गई है। अध्ययन में पाया गया है कि इन 31 स्थानों मे से 5 किले व स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के संरक्षण में है। इनके संरक्षण एवं जनोपयोगी बनाने के लिए यह आवश्यक है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित तालबेहट किला (जिला ललितपुर), कालिंजर किला (जनपद बांदा) मडफा (जिला चित्रकूट) बरूआ सागर झांसी के घाट की सीढ़ीयों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 के अंतर्गत प्रदेश सरकार को हस्तांतरित किया जाए।

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