ऑफलाइन पर्चा नहीं बना तो बुज़ुर्ग ने अस्पताल के छत से कूद कर दे दी जान,मौत

Lucknow News: महानगर के बीआरडी अस्पताल में बुज़ुर्ग को ऑनलाइन पर्चा बनवाने को कहा तो छत्त से कूद गया

Shubham Pratap Singh
Published on: 1 Sept 2025 8:50 PM IST
Lucknow News
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Hospital Doctors And Police Inspecting From Where Old Man Climbed 

Lucknow News: राजधानी के महानगर स्थित भाऊराव देवरस अस्पताल (बीआरडी) में इलाज के लिए गए बुजुर्ग ने पर्चा ऑफलाइन न बन पाने के कारण अस्पताल के तीसरी मंजिल छलांग लगा दी। जिसके बाद मौके पर ही उनकी मौत हो गई। मरीज के कूदने के बाद जैसे ही अस्पताल में आवाज आई पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने उन्हें आनन-फानन में इमरजेंसी में पहुंचाया जहां जांच पड़ताल के बाद बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया गया। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने मामले की सूचना पुलिस को दी और पुलिस ने शव को पंचनामा कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।



ऑनलाइन ही पर्चा बनने की बात पर दी जान

ओल्ड महानगर निवासी सुखदेव सिंह (83) सोमवार को भाऊराव देवरस अस्पताल पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक मरीज इलाज के लिए ओपीडी पहुंचा था। इस दौरान वह पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लगा था। ओपीडी में पर्चा बनाने के लिए कर्मचारी से कहा। कर्मचारी ने बताया कि आभा ऐप मोबाइल पर डाउनलोड करिए। तभी ओपीडी पंजीकरण हो सकेगा। बुजुर्ग ने कहा कि एड्रायड फोन मेरे पास नहीं है। इतना कहते हुए बुजुर्ग लाइन से बाहर हो गए। इसके बाद वह अस्पताल के पिछले हिस्से में पहुंचे और तीसरे मंजील पर पहुंचकर वहां से छलांग लगा दी।

इमरजेंसी में पहुंचते ही घोषित किया मृत

डॉक्टरों ने जांच पड़ताल के बाद बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने 112 पर फोन कर पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने कागजी कार्रवाई कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही बुजुर्ग अस्पताल के मुख्य रास्ते या फिर अबर्न हेल्थ पोस्ट सेंटर की तरफ से छत पर गए। इसकी तफ्तीश कर रही है। सीसीटीवी कैमरे खंगाले। पर्चा काउंटर व अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है।

जिसके पास एड्रायड नहीं क्या उसका नहीं बनेगा पर्चा?

सोमवार को बीआरडी अस्पताल में हुुई इस घटना के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या जिस मरीज के पास एड्रायड मोबाइल नहीं होगा उसका पर्चा नहीं बन सकेगा? क्या आभा एक ऐप के वजह से किसी मरीज की जान जाना वाजिब था। क्या बुजुर्ग की मद्द के बजाए अस्पताल का स्टाफ अपने काम को टरका रहा था। यह ऐसे सवाल हैं जिसपर विभाग को विचार करने की आवश्यकता है।

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