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Lucknow News: वरिष्ठ पत्रकार और आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. विक्रमराव का निधन
Lucknow News: डॉ. राव पत्रकारिता के क्षेत्र में दशकों से सक्रिय थे और उन्होंने श्रमजीवी पत्रकारों की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से उठाया।
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Lucknow News: भारतीय पत्रकारिता जगत ने आज अपना एक स्तंभ खो दिया। देश के प्रतिष्ठित वरिष्ठ पत्रकार एवं इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (IFWJ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के.विक्रम राव का आज प्रातः लखनऊ के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे साँस संबंधी तकलीफ़ के कारण आज सुबह अस्पताल में भर्ती कराए गए थे, जहाँ उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन का समााचार मिलते ही पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई। उनकी सक्रियता को देखते हुए सहसा यकीन ही नहीं हो रहा था कि वह अब नहीं रहे।
विक्रम राव के सुपुत्र पत्रकार के.विश्वदेव राव ने सूचना दी है कि यह बताते हुए अत्यंत दुःख हो रहा है कि मेरे पूज्य पिताजी, डॉ. के. विक्रम राव, वरिष्ठ पत्रकार एवं इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (IFWJ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, का आज प्रातः लखनऊ के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे सांस संबंधी समस्या से पीड़ित थे और उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम साँस ली। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए 703, पैलेस कोर्ट अपार्टमेंट, निकट कांग्रेस कार्यालय, मॉल एवेन्यू, लखनऊ में रखा गया है। मेरे बड़े भाई सुदेव राव मुंबई से लखनऊ के रास्ते में है। उनके लखनऊ पहुँचने के बाद राव साहब के अंतिम संस्कार संबंधी सूचना पृथक रूप से प्रेषित की जाएगी।
डॉ. राव पत्रकारिता के क्षेत्र में दशकों से सक्रिय थे और उन्होंने श्रमजीवी पत्रकारों की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से उठाया। उनका जीवन संघर्षशील पत्रकारिता, सिद्धांतनिष्ठ विचारों और निर्भीक लेखनी का पर्याय रहा। उनका पार्थिव शरीर 703, पैलेस कोर्ट अपार्टमेंट, निकट कांग्रेस कार्यालय, मॉल एवेन्यू, लखनऊ में अंतिम दर्शनार्थ रखा गया है। पत्रकारिता जगत के लिए यह अपूरणीय क्षति है।
विक्रम राव गौरवशाली परंपरा के ध्वजवाहक रहे। उनके पिता प्रख्यात संपादक, जानेमाने स्वाधीनता-सेनानी और प्रथम संसद (राज्य सभा) के सदस्य (1952), श्री कोटमराजू रामा राव अपने दौर के अकेले ऐसे पत्रकार थे जो 25 से अधिक दैनिक समाचार पत्रों में कार्यशील रहे। रामा राव के चार पुत्रों में प्रथम, स्व. प्रताप भारतीय विदेश सेवा (IFS) से रिटायर होने पर अमरीका में बस गये। दूसरे, नारायण ने भारतीय आडिट एवं एकाउंट्स सर्विस (A &AS) से रिटायर होकर नई दिल्ली के भारतीय विद्या भवन में ज्योतिष शोध केंद्र को स्थापित किया। बाद में भवन के त्रैमासिक जर्नल आफ एस्ट्रोलोजी के संपादक बनें। तृतीय पुत्र विक्रम लखनऊ में श्रमजीवी पत्रकार रहे।
आखिरी सुभाष सिंडीकेट बैंक में मैनेजर थे। चार पुत्रियों में ज्येष्ठ वसंत तथा कनिष्ठ हेमंत अमरीका में बस गईं। द्वितीय शरद तथा तृतीय शिशिर भारतीय सेना के अधिकारियों से विवाह कर कानपुर तथा हैदराबाद में बसीं। प्रपौत्र विश्वदेव लखनऊ में पत्रकार है। आज विक्रम राव के निधन के साथ एक युग का भी अंत हो गया।
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