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Lucknow News: शक्ति भवन बना बिजली आंदोलन का केंद्र! निजीकरण के खिलाफ अनशन पर बैठे कर्मचारी, संविदा कर्मियों की बहाली की उठी मांग
Lucknow News: लखनऊ के शक्ति भवन पर भारी संख्या में पहुंचे बिजलीकर्मियों ने अपना क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। संघर्ष समिति की अगुवाई में बिजली कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अनशन पर बैठ गए हैं।
Electricity employees sit on strike at Shakti Bhawan Lucknow against privatization demand for reinstatement of contract workers raised
Lucknow News: लखनऊ में बिजली कर्मचारियों की ओर से लगातार निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसी बीच शुक्रवार को लखनऊ के शक्ति भवन पर भारी संख्या में पहुंचे बिजलीकर्मियों ने अपना क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। संघर्ष समिति की अगुवाई में बिजली कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अनशन पर बैठ गए हैं। बिजली कर्मचारियों की ओर से ऊर्जा मंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की अपील करते हुए संविदा कर्मियों की बहाली की मांग की जा रही है। पावर कॉर्पोरेशन के रवैये से नाराज़गी जताते हुए बिजली कर्मचारियों की ओर से चेतावनी दी गई है कि यदि इस मामले को गंभीरता से लेकर संज्ञान नहीं लिया गया तो ये आंदोलन और तेज होगा।
7 दिनों तक अनशन करने का हुआ ऐलान
संघर्ष समिति के नेतृत्व में शक्ति भवन पर शुक्रवार को शुरू हुए अनशन को अगले सात दिनों तक चालू रखने की घोषणा की गयी है। इस अनशन में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के साथ उत्तराखंड के बिजली कर्मचारी भी समर्थन देने आए हैं। अनशन में शामिल बिजली कर्मचारियों का कहना है कि यह निजीकरण साल 2018 व 2020 में हुए समझौतों का पूरी तरह से उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि इन समझौतों में कर्मचारियों को विश्वास में लिए बिना कोई निजीकरण न करने की बात कही गई थी। उत्तर प्रदेश विद्युत कॉरपोरेशन को उत्तरी और दक्षिणी भाग में बांटा गया है। कर्मचारियों के अनुसार, दोनों कंपनियां निजीकरण की ओर बढ़ रही हैं। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार निजीकरण का आदेश वापस नहीं लेती है, तो वे पहले दो घंटे का और फिर पूर्ण कार्य बहिष्कार कर सकते हैं।
संविदा कर्मचारियों की हुई बैठक में 6 मई को सत्याग्रह करने का लिया गया निर्णय
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को तालकटोरा में आयोजित की गई। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगामी 6 मई को गोखले मार्ग स्थित MD मध्यांचल कार्यालय पर एक बड़ा सत्याग्रह किया जाएगा। संगठन कि ओर से चेतावनी दी गयी है कि यदि जल्द से जल्द कर्मचारियों की छंटनी नहीं रोकी गई तो आने वाले समय में बिजली व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।
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