TRENDING TAGS :
Lucknow News: नेशनल पीजी कॉलेज में शुरू हुआ एफडीपी कार्यक्रम: पहले सत्र में शिक्षकों को मिली नई शिक्षण विधियों की जानकारी
National PG College: नेशनल पीजी कॉलेज लखनऊ में एक सप्ताह तक चलने वाले फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन प्राचार्य प्रोफेसर देवेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुरू हुआ।
Lucknow News: Photo-News Track
Lucknow Toady News: नेशनल पीजी कॉलेज लखनऊ में एक सप्ताह तक चलने वाले फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन प्राचार्य प्रोफेसर देवेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुरू हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन IQAC, NPGC और डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन, NPCC के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत देढ़ बजे पंजीकरण एवं किट वितरण से हुई, जिसके बाद दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती वंदना का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर मानुका खत्रा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं, जबकि प्रोफेसर अमिता बाजपेई और प्रोफेसर अर्पणा गोडबोले विशिष्ट अतिथियों के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर अमिता पांडे भारद्वाज ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। वहीं इस दौरान अतिथियों को अंगवस्त्र, प्रतीक चिन्ह और पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया।
एफडीपी के उद्देश्य पर चर्चा
इस खास मौके पर नेशनल पीजी कॉलेज लखनऊ के प्राचार्य प्रो देवेंद्र कुमार सिंह ने एफडीपी के उद्देश्य और इसकी गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर चर्चा की कि कौशल आधारित शिक्षा को पाठ्यक्रम के साथ किस तरह जोड़ा जा सकता है। इस दौरान उपनिदेशक डॉ. दीक्षा शर्मा ने एफडीपी के छह दिन के कार्यक्रमों की जानकारी दी।
मुख्य अतिथि का संबोधन
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर मानुका खत्रा ने एफडीपी के सफल आयोजन के लिए महाविद्यालय को बधाई दी और NAAC की अग्रिम तैयारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि ज्ञान को व्यवहार में लाना और उसे कौशल-आधारित बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह छात्रों को व्यावहारिक कौशल प्रदान करता है, जो उन्हें वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने में मदद करता है।
ब्लूम टैक्सोनॉमी और आउटकम बेस्ड एजुकेशन पर विशेष सत्र
द्वितीय सत्र में प्रोफेसर अमिता पांडे भारद्वाज ने ब्लूम टैक्सोनॉमी के संप्रत्यय को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि आउटकम बेस्ड एजुकेशन न केवल हमारे शिक्षण, बल्कि मूल्यांकन में भी गुणवत्ता लाने में सहायक होगा। अपने वक्तव्य में उन्होंने ब्लूम टैक्सोनॉमी के अंतर्गत लर्निंग और टीचिंग के तीन डोमेन्स कॉग्निटिव, एफ्फेक्टिव और साइकोमोटर की व्याख्या की और इन डोमेन्स के मेट्रिक्स पर चर्चा की। इस सत्र का संचालन गूगल मीट के माध्यम से डॉ. रीना श्रीवास्तव, असिस्टेंट प्रोफेसर, शिक्षा शास्त्र विभाग ने किया।
कार्यक्रम के अंत में IQAC की निदेशक प्रोफेसर ज्योति भार्गव ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम का समापन किया। वहीं इस एफडीपी कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को नई शिक्षा पद्धतियों और कौशल-आधारित शिक्षा के महत्व को समझने का अवसर मिला।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!