TRENDING TAGS :
Lucknow News: 'समाजवादी मीडिया सेल Vs ब्रजेश पाठक' मामले में कूदे पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर, कार्यकर्ताओं संग धरने पर बैठे, बोले- दोहरा रवैया अपना रही पुलिस
Lucknow News: सोमवार को लखनऊ में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर धरने पर बैठ गए।
former IPS Amitabh Thakur (photo: Newstrack.com)
Lucknow News: सोशल मीडिया X पर समाजवादी मीडिया सेल और यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को लेकर की जा रही टीका टिप्पणी तेजी के साथ सियासी रूप लेती हुई नजर आ रही है। एक तरफ इस मामले में भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से अखिलेश यादव का पुतला फूंका गया तो वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता की ओर से लखनऊ के हजरतगंज थाने में समाजवादी मीडिया सेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की शुरुआत हो गई। सोशल मीडिया से शुरू हुए इस विवाद में अब पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर भी कूद चुके हैं। सोमवार को लखनऊ में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने लखनऊ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते अधिकार सेना के सदस्यों के साथ विरोध जताया। अमिताभ ने कहा कि लखनऊ पुलिस दोहरा रवैया अपना रही है। पुलिस के द्वारा समदर्शी एवं न्यायप्रिय दृष्टिकोण नहीं अपनाया जा रहा है।
'ब्रजेश पाठक का मामला मानहानि का, पुलिस की संलिप्तता जरूरी नहीं'
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाया कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के खिलाफ कथित अमर्यादित टिप्पणियों के मामले में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल के खिलाफ तीव्र गति से गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की। जबकि यह मामला प्रथमदृष्टया एक व्यक्तिगत मानहानि का प्रतीत होता है। जो सीधे तौर पर न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आता है न कि पुलिस के। उन्होंने कहा कि इससे विपरीत कई ऐसे मामले हैं, जो पुलिस के अधिकार के क्षेत्र में है और कानून के अनुसार मुकदमा दर्ज होना चाहिए मगर नहीं किया जा रहा है।
'अत्यंत संवेदनशील मामलों में मुकदमा दर्ज नहीं करती पुलिस'
अमिताभ ठाकुर ने कहा कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के प्रकरण में शिकायत एक तीसरे व्यक्ति आनंद द्विवेदी द्वारा की गई थी। जिसे लेकर पुलिस ने देशद्रोह, सामाजिक द्वेष और राष्ट्रीय अखंडता जैसे आरोप जोड़ते हुए तत्काल मुकदमा दर्ज कर लिया। वहीं दूसरी ओर कई अत्यंत संवेदनशील मामलों में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि शहीद नेवी अफसर की पत्नी के बयान पर की गई सांप्रदायिक टिप्पणी, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जजों के प्रति अमर्यादित भाषा और धर्म आधारित नफरत फैलाने वाले बयानों पर शिकायतें दी गयी, मगर पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया गया। पूर्व में दी गई शिकायतों पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो हजरतगंज थाने में धरना प्रदर्शन करेंगे।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge