Lucknow News: 'तेरे मरने पर ये वीडियो काम आएंगे...' CBCID अफसर की पत्नी की संदिग्ध आत्महत्या में गैसलाईटिंग का एंगल, भाई बोला- 'सबकुछ साजिश थी'

Lucknow News: लाइन ट्रांजिट हॉस्टल में CBCID में तैनात ASP मुकेश प्रताप सिंह की पत्नी नितेश सिंह की संदिग्ध आत्महत्या ने पुलिस सिस्टम, घरेलू हिंसा और मानसिक नियंत्रण के एक खतरनाक जाल को उजागर कर दिया है।

Hemendra Tripathi
Published on: 31 July 2025 12:56 PM IST
Lucknow News: तेरे मरने पर ये वीडियो काम आएंगे... CBCID अफसर की पत्नी की संदिग्ध आत्महत्या में गैसलाईटिंग का एंगल, भाई बोला- सबकुछ साजिश थी
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CBCID officer wife suicide

Lucknow News: लखनऊ पुलिस लाइन ट्रांजिट हॉस्टल में CBCID में तैनात ASP मुकेश प्रताप सिंह की पत्नी नितेश सिंह की संदिग्ध आत्महत्या ने पुलिस सिस्टम, घरेलू हिंसा और मानसिक नियंत्रण के एक खतरनाक जाल को उजागर कर दिया है। मृतका के भाई ने आरोप लगाया कि यह आत्महत्या नहीं, मानसिक हत्या थी, जिसे योजनाबद्ध रूप से अंजाम दिया गया।

ASP पर अपनी पत्नी को गैसलाईट करने, बेटे की बीमारी को ताना बनाकर अपमानित करने और महिला अधिकारी से अवैध संबंध छिपाने के आरोप लगे हैं। वीडियो रिकॉर्डिंग से लेकर सीसीटीवी कैमरों तक, हर चीज का इस्तेमाल मानसिक दबाव बनाने के लिए किया गया। अब सवाल है: क्या एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कानून से ऊपर है?

मानसिक प्रताड़ना या सुनियोजित कंट्रोल गेम?

नितेश सिंह की आत्महत्या के पीछे जो कहानी उभर रही है, वह सिर्फ एक घरेलू कलह या डिप्रेशन नहीं, बल्कि एक सुनियोजित मानसिक खेल की तरह दिखती है। भाई प्रमोद कुमार के अनुसार, ASP मुकेश सिंह ने नितेश को हर दिन मानसिक रूप से तोड़ा। वह उसकी हर बात की वीडियो रिकॉर्डिंग करता था, और बार-बार कहता था- "तेरे मरने पर ये वीडियो काम आएंगे।"

बेटे की बीमारी बना हथियार

नितेश का बड़ा बेटा अनिकेत ऑटिज्म से पीड़ित था, और यह बात मुकेश के लिए ताना बन गई थी। वह अक्सर कहता था कि मानसिक मंदित बच्चा पैदा किया है, अब पालो इसे। यह सुन-सुनकर नितेश डिप्रेशन में चली गईं। एक बार उन्होंने मानसिक तनाव में बेटे को तकिए से मारने की कोशिश की, जिसका वीडियो ASP ने बनाकर मायकेवालों को भेजा।

फोन पर अश्लील चैटिंग और महिला अफसर से रिश्ते

प्रमोद का आरोप है कि नितेश ने मुकेश के मोबाइल में एक महिला अधिकारी से आपत्तिजनक चैटिंग देखी थी। विरोध करने पर मुकेश ने उसे ‘मानसिक रोगी’ साबित करने का अभियान शुरू कर दिया। आरोप है कि उसने उसी के खिलाफ सबूत इकट्ठा करना शुरू कर दिया ताकि भविष्य में उसे पागल साबित किया जा सके।

सीसीटीवी कैमरे और वीडियो बना ब्लैकमेलिंग टूल

मुकेश ने पूरे घर में सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे थे। प्रमोद ने कहा कि ASP हर वक़्त नितेश की निगरानी करता था। वह कहता था, "अगर ये मर भी गई, तो मुझे कुछ नहीं होगा।" यह कथन बताता है कि मुकेश खुद को सिस्टम से ऊपर समझता था। पुलिस कॉल डिटेल और चैट्स की फॉरेंसिक जांच करे तो सच्चाई सामने आ सकती है।

पुलिस को खुद मुकेश ने दी थी सूचना

बुधवार दोपहर जब यह घटना हुई, तो ASP मुकेश ऑफिस में थे। बेटी अनन्या ने मां को फंदे से लटका देखा और पिता को फोन कर सूचना दी। पुलिस के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में नितेश खुद दुपट्टे से फांसी लगाते दिख रही हैं। हालांकि, परिजनों का आरोप है कि यह पहले से सेट किया गया प्लान था ताकि खुदकुशी साबित की जा सके।

सत्ता, सिस्टम और स्त्री की चुप्पी

नितेश सिर्फ एक महिला नहीं थीं, बल्कि पूर्व विधायक राकेश बाबू की बेटी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमोद कुमार की बहन थीं। जब एक हाई-प्रोफाइल महिला, जो सिस्टम से जुड़ी थी, उसे भी सिस्टम नहीं बचा सका—तो आम महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं?

क्या आत्महत्या केस को अब दोबारा जांच की जरूरत है?

फिलहाल पुलिस मामले को आत्महत्या मान रही है, लेकिन परिवार वालों की मांग है कि ASP मुकेश प्रताप सिंह के मोबाइल, सीसीटीवी, क्लाउड स्टोरेज, और कॉल रिकॉर्ड्स की स्वतंत्र जांच कराई जाए। यह सिर्फ एक सुसाइड नहीं, पावर, कंट्रोल और गैसलाईटिंग की ‘मूक हत्या’ भी हो सकती है।

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