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लखनऊ हाईकोर्ट परिसर में महिला अधिवक्ता ने खाईं पैरासिटामोल की पांच गोलियां, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान
Lucknow News: लखनऊ हाईकोर्ट परिसर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक महिला अधिवक्ता ने वकालतनामा दाखिल करने के तुरंत बाद पांच पैरासिटामोल की गोलियां खा लीं। मानसिक तनाव में उठाए इस कदम के बाद उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर है और काउंसलिंग कराई जा रही है।
Lady Advocate Consumes Paracetamol Pills in Lucknow High Court Over Family Dispute
Lucknow News: हाईकोर्ट लखनऊ खंडपीठ परिसर में शुक्रवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक महिला अधिवक्ता ने अदालत में वकालतनामा दाखिल करने के कुछ ही देर बाद खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हुए पांच पैरासिटामोल की गोलियां खा लीं। यह सब देखकर मौके पर मौजूद अन्य अधिवक्ता हैरान रह गए। बताया जा रहा है कि महिला निजी पारिवारिक विवादों के कारण लंबे समय से मानसिक तनाव में थीं। घटना की जानकारी मिलते ही साथियों ने उन्हें आनन-फानन में डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार अब उनकी हालत स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं। इस घटना से कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया। बार एसोसिएशन और पुलिस अधिकारियों ने मामले की जानकारी ली और फिलहाल महिला की काउंसलिंग कराई जा रही है।
वकालतनामा दाखिल करते ही उठाया आत्मघाती कदम
मिली जानकारी के अनुसार, महिला अधिवक्ता ने हाईकोर्ट परिसर में एक केस से संबंधित वकालतनामा फाइल किया था। इसके कुछ देर बाद उन्होंने बैग से पांच पैरासिटामोल की गोलियां निकालकर निगल लीं। यह देख आस-पास मौजूद अधिवक्ताओं ने उन्हें रोका और स्थिति को भांपते हुए तत्काल प्राथमिक सहायता दी। साथ ही उन्हें लोहिया संस्थान पहुंचाया गया।
मानसिक तनाव में थीं महिला अधिवक्ता
बार परिसर में मौजूद अन्य अधिवक्ताओं ने बताया कि महिला अधिवक्ता बीते कुछ महीनों से पारिवारिक तनाव से गुजर रही थीं। निजी जीवन में चल रही समस्याएं उन्हें मानसिक रूप से प्रभावित कर रही थीं। बताया जा रहा है कि इसी तनाव के चलते उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया। हालांकि समय रहते साथियों की मदद से उन्हें उपचार के लिए भेज दिया गया।
डॉक्टरों ने बताया अब हालत सामान्य
डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के डॉक्टरों ने बताया कि महिला को समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया गया, जिससे गंभीर स्थिति बनने से पहले इलाज शुरू हो गया। चिकित्सकों के अनुसार अब उनकी हालत स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं। उन्हें निगरानी में रखा गया है और आवश्यक मानसिक परामर्श भी दिया जा रहा है।
बार एसोसिएशन और पुलिस ने लिया संज्ञान
घटना की सूचना मिलते ही बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और स्थानीय पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पूरे मामले की गंभीरता से जानकारी ली और आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तैयार की। महिला अधिवक्ता की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए अब विशेषज्ञों की निगरानी में उनकी काउंसलिंग कराई जा रही है ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति से बचा जा सके।
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