LDA में बड़ा फर्जीवाड़ा! रिवर व्यू प्रोजेक्ट के फ्लैटों के नकली आवंटन पत्र बनाकर करोड़ों की धोखाधड़ी

लखनऊ विकास प्राधिकरण के रिवर व्यू प्रोजेक्ट में करोड़ों की ठगी, जालसाजों ने फर्जी आवंटन पत्र बनाकर सरकारी दस्तावेजों में की हेराफेरी।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 30 Oct 2025 5:01 PM IST
Big bastard in LDA! Fraudulent of crores by fabricating fake allotment deeds of River View project flats
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LDA में बड़ा फर्जीवाड़ा! रिवर व्यू प्रोजेक्ट के फ्लैटों के नकली आवंटन पत्र बनाकर करोड़ों की धोखाधड़ी (Photo- Newstrack)

Lucknow News: लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के गोमती नगर विस्तार स्थित रिवर व्यू प्रोजेक्ट में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कुछ जालसाजों ने करोड़ों रुपये की कीमत वाले फ्लैटों के नकली आवंटन पत्र तैयार कर सरकारी दस्तावेजों में धोखाधड़ी की है। इस पूरे मामले में अवर अभियंता (IE) ने गोमती नगर थाने में पांच नामजद व्यक्तियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

कैसे हुआ मामले का खुलासा

गोमती नगर के अलकनंदा अपार्टमेंट निवासी हर्षित गुप्ता ने तीन अक्टूबर को उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी। उसमें ने बताया कि उन्हीं के अपार्टमेंट में रहने वाले पीयूष पाठक ने उन्हें व्हाट्सएप पर सतलज, यमुना और कावेरी अपार्टमेंट (रिवर व्यू, गोमती नगर विस्तार) के फ्लैटों के आवंटन पत्र भेजे थे। जब हर्षित ने पत्रों की मूल प्रति मांगी, तो पीयूष पाठक ने मना कर दिया। इसके बाद प्राधिकरण ने पत्रों की जांच की, तो पता चला कि ये पत्र एलडीए के असली प्रारूप से पूरी तरह अलग हैं। इन पर अपर सचिव के जाली हस्ताक्षर किए गए थे, इनमें किसी का नंबर भी अंकित नहीं था।

इनके मिले फर्जी आवंटन पत्र

इस जांच में पता चला कि हमीरपुर निवासी रवि कुमार कश्यप, हर्षित गुप्ता, वरुण कुमार साहू, कानपुर निवासी रिम्पी सिंह को फर्जी आवंटन पत्र मिले थे। इन सभी के नाम फ्लैट दिखाए गए थे, उसमें अलकनंदा अपार्टमेंट निवासी पीयूष पाठक भी शामिल है। एलडीए की ओर से पुलिस को दी गई शिकायत में साफ कहा गया है कि फर्जी आवंटन पत्रों का पूरा मामला पीयूष पाठक और अन्य उपरोक्त व्यक्तियों से जुड़ा है। तहरीर में बताया गया कि इन लोगों ने कूटरचित हस्ताक्षर के जरिए सरकारी दस्तावेजों में धोखाधड़ी की है। साक्ष्य के रूप में फर्जी आवंटन पत्रों की छायाप्रतियाँ पुलिस को उपलब्ध करा दी गई हैं।

अन्य फ्लैटों में भी फर्जीवाड़ा

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों स्पष्ट किया कि रिवर व्यू प्रोजेक्ट से संबंधित कोई भी वैध आवंटन केवल एलडीए के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा ही जारी किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार मामला कुछ लोगों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कई अन्य फ्लैटों में फर्जीवाड़ा हुआ मिल सकता है। पुलिस की गहन जांच के बाद साजिश का खुलासा होने की उम्मीद है। अवर अभियंता (IE) की शिकायत पर गोमती नगर थाने में पांच नामजद व्यक्तियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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