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लखनऊ के SGPGI के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा! फेक वेबसाइट बनाकर चलता रहा खेल, जांच में खुलासा होने के बाद भी नहीं दर्ज हुई FIR
Lucknow News: लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में फर्जी वेबसाइट बनाकर करोड़ों की ठगी का मामला उजागर हुआ है। ठगों ने फर्जी नियुक्ति पत्र, आईडी कार्ड और सैलरी स्लिप बनाकर खुद को कर्मचारी दिखाया और बैंक लोन लिए। जांच में सच सामने आने के बावजूद FIR दर्ज नहीं हुई, जिससे संस्थान की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए।
Lucknow PGI Scam Fake Website Exposes Multi Crore Fraud FIR Still Pending
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शातिर जालसाजों की ओर से ठगी करने से जुड़े अनेकों मामले सामने आते है। इन्हीं मामलों के बीच अब राजधानी लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में फेक वेबसाइट बनाकर करोड़ों के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि ठगों ने फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ-साथ आईडी कार्ड और सैलरी स्लिप तैयार करके खुद को SGPGI का कर्मचारी दिखाया और फिर उसी के माध्यम से बैंकों से भारी भरकम लोन लिया। गौर करने वाली बात यह है कि जांच में इस बात का खुलासा होने के बाद भी अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक, इस फर्जीवाड़े में संस्थान के ही कुछ कर्मचारी और अधिकारी शामिल हो सकते हैं। वहीं, ये भी जानकारी मिली है कि इस फर्जीवाड़े से जुड़े मामले को दबाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव भी डाला जा रहा है।
फर्जी वेबसाइट बनाकर दर्ज की नियुक्तियों व वेतन भुगतान की डिटेल, बैंकों से लिया लोन
ये पूरा मामला सामने आने के बाद पीजीआई पुलिस ने इस प्रकरण में जांच की, जिसमें खुलासा हुआ कि शातिर ठगों ने SGPGI की फर्जी वेबसाइट बनाकर उस पर नियुक्तियों के साथ-साथ वेतन भुगतान से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां अपडेट की। इसके साथ ही इसी फर्जी वेबसाइट पर दर्ज की गई डिटेल के आधार पर फर्जी नियुक्ति पत्र, आईडी कार्ड और सैलरी स्लिप भी तैयार करके खुद को SGPGI का स्थाई कर्मचारी दिखाया गया। शामिल ठगों ने इतनी जालसाजी दिखाने के बाद अपने फर्जी दस्तावेजों के सहारे अलग-अलग बैंकों से करोड़ों का लोन लिया। इतना ही नहीं, फर्जीवाड़े को लेकर पुलिस जांच में जिस अतुल प्रकाश मिश्रा नाम के शख्स की पहचान सामने आई, इस नाम का कोई कर्मचारी संस्थान में नहीं है।
दारोगा ने जांच के बाद प्रशासन को सौंपी रिपोर्ट, नहीं दर्ज हुई FIR
मिली जानकारी के अनुसार गी थाने के दरोगा ने इस मामले में पूरी जांच के बाद उसकी रिपोर्ट प्रशासन एक अधिकारियों को सौंप दी है, जिसमें फर्जीवाड़े की हकीकत सामने आई है। बावजूद इसके अभी तक प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की FIR नहीं दर्ज कराई गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संस्थान के नाम पर कोई आंच न आए, इसके लिए मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। आपको बता दें कि इससे पहले भी कई बार पीजीआई के नाम पर ठगी करने से जुड़े मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, पुलिस को शक है कि ठगी के इस नेटवर्क में संस्थान के ही कुछ कर्मचारी और अधिकारी शामिल हो सकते हैं। चौकी प्रभारी परवेज अंसारी का कहना है कि मामले की जांच की गई है। जल्द कार्रवाई होगी। अब सवाल यह है कि क्या FIR दर्ज कर ठगों तक पहुंच बनाई जाएगी या मामला एक बार फिर दबा दिया जाएगा।
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