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Lohia News: लोहिया में संविदा कर्मियों पर अपने परिचितों को विशेष सुविधा से टोकन दिलाने पर पाबंदी
Lucknow News: लोहिया संस्थान में काम कर रहे संविदा अब अपने परिवार के सदस्यों के अलावा किसी को टोकन नहीं दिला सकेंगे।
Lohia (File Photo)
Lucknow News: राजधानी के लोहिया संस्थान में अब संविदा कमचारियों पर अपने परिचितों को विशेष सुविधा के तहत टोकन दिलाने पर पाबंदी लगा दी गई है। संस्थान प्रशासन ने इसके लिए बकायदा लेटर जारी कर निर्देश दिए हैं। जिसके बाद यह कर्मी अब सिर्फ अपने माता-पिता, पति-पत्नी, भाई-बहन व बच्चों के लिए ही ओपीडी टोकन जारी करा सकेंगे किसी अन्य के लिए नहीं।
शनिवार को लोहिया संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरविंद सिंह ने स्टाफ काउंटर से ओपीडी टोकन लेने के नियमों को सख्त कर दिया है। अब संस्थान में कार्यरत संविदा कर्मियों को सिर्फ अपने घर के लोगों के लिए ही टोकन ले पाएंगे। डॉ. अरविंद सिंह ने जारी किए पत्र में साफ तौर पर लिखा कि संस्थान में कार्यरत संविदा कर्मचारी गलत ढंग व मनमाने तरीके से टोकन ले रहे हैं। जिससे अव्यवस्था फैल रही है। इसके साथ ही संस्थान में इलाज के लिए आने वाले आम मरीजों को भी इससे होने वाली पेरशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब संविदा कर्मियों को अपने परिवार के लोगों से इतर किसी को भी स्टाफ काउंटर से ओपीडी टोकन जारी नहीं किया जाएगा। अधीक्षक द्वारा जारी इस आदेश के बाद अब संविदा कर्मियों ने इसका विरोध करते हुए संस्थान के अधिकारियों द्वारा इसे तुगलकी फरमान बताया है।
हमारी निष्ठा पर किया जा रहा शक
संविदा कर्मचारियों का अरोप है कि जिस तरीके से उनके उपर पाबंदी लगाई जा रही है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि संस्थान को कर्मियों द्वारा किए जा रहे मेहनत से काई लेनादेना नहीं है। पक्षपात किया जा रहा है। वीआईपी और वीवीआईपियों के लिए संस्थान में व्यवस्था बढ़ती जा रही है। लेकिन, सारी दिक्कतें संविदा कर्मियों से ही हैं। ओपीडी टोकन जारी करने से पहले रजिस्टर पर जरूरी जानकारी दर्ज कराई जाती हैं। इसमें टोकन लेने वाले संविदा कर्मचारी का नाम, पता, पद, मोबाइल नम्बर आदि शामिल है। तीन चार टोकन एक दिन में जारी होने पर संविदा कर्मचारी को जवाब भी देना पड़ता है। इसके अलावा सभी काउंटर से लेकर दूसरी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इतनी निगरानी के बावजूद संविदा कर्मचारियों की निष्ठा पर शक किया जा रहा है। जबकि अधिकारियों प्रतिदिन काफी टोकन निकलवाते हैं। जिस पर कोई रोक टोक नहीं है। कर्मचारियों को अपमानित किया जा रहा है। काउंटर पर काम करने वाले कर्मचारियों का मोबाइल जमा कराया जा रहा है।
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