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रैगिंग का विरोध करने पर हुई 'लखनऊ की बेटी' की हत्या! गले के निशान... उखड़े CCTV ने छोड़े कई सवाल, पिता बोले- 'मर्डर को सुसाइड बता रहा यूनिवर्सिटी प्रशासन'
Lucknow News: लखनऊ की बेटी वासवी तोमर ने हिमालय की गोद में बसे नैनीताल में पढ़ाई के सपने देखे थे लेकिन वह रैगिंग के खिलाफ आवाज उठाकर मौत के सन्नाटे में समा गई।
Lucknow News: लखनऊ की बेटी वासवी तोमर ने हिमालय की गोद में बसे नैनीताल में पढ़ाई के सपने देखे थे लेकिन वह रैगिंग के खिलाफ आवाज उठाकर मौत के सन्नाटे में समा गई। भीमताल की ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में बीसीए की छात्रा वासवी ने मंगलवार रात हॉस्टल में जूनियर की रैगिंग का विरोध किया था। उसी रात उसने परिवार को कॉल कर सीनियरों की हरकतों का वीडियो भी भेजा। अगली शाम कॉलेज ने पिता को वासवी की तबीयत खराब होने की जानकारी दी लेकिन जब वे पहुंचे, तब तक वासवी की मौत हो चुकी थी। परिजनों का सवाल ये कि बहादुर बेटी जो अन्याय के खिलाफ बोल रही थी, वह कैसे आत्महत्या कर सकती है? कमरे का टूटा लॉक... गायब कैमरा और C शेप फांसी का निशान के साथ हॉस्टल प्रशासन की चुप्पी सब इस मौत को रहस्यमय बना रहे हैं।
देर रात हुई आखिरी कॉल में बेटी से बात, रैगिंग का किया विरोध
लखनऊ के मड़ियांव थाना क्षेत्र की रहने वाली वासवी तोमर भीमताल स्थित ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में बीसीए सेकेंड ईयर की छात्रा थी। बताया जाता है कि मंगलवार रात उसने अपने पिता को फोन कर बताया कि उसकी रूममेट जूनियर छात्रा की हॉस्टल की अन्य सीनियर लड़कियां रैगिंग कर रही हैं। वासवी ने इस रैगिंग का जमकर विरोध किया और वीडियो बनाकर पिता को भेजा। परिवार ने कहा कि वो डरती नहीं थी, अगर उसे डर होता तो आवाज ही क्यों उठाती?
कॉलेज ने ‘तबीयत खराब’ बताकर घुमाया, मौत की जानकारी देर से दी
पिता रामकृष्ण तोमर का कहना है कि रैगिंग के मामले की बात बताते हुए वह अपनी बहादुरी बड़ी ही खुशी से बता रही थी। हम सभी ने इन पचड़ों से दूर रहने की हिदायत देते हुए ऐसे मामलों को हॉस्टल प्रशासन तक पहुंचाने की सलाह दी। उस दौरान बेटी वासवी की बातों में कोई डर या झिझक नहीं दिखी। मंगलवार रात हुई कॉल के बाद से परिवार की वासवी से कोई बात नहीं हुई। बुधवार शाम कॉलेज प्रशासन ने फोन कर बताया कि वासवी की तबीयत बिगड़ गई है, नैनीताल आ जाइए। पिता बार-बार बेटी की हालत पूछते रहे, लेकिन प्रशासन चुप रहा। नैनीताल पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि वासवी ने सुसाइड कर लिया। सवाल उठा कि अगर तबीयत खराब थी, तो मेडिकल रिपोर्ट या लाइव जानकारी क्यों नहीं दी गई?
टूटा लॉक, नया फिटिंग और गायब CCTV, परिजन बोले- सबूत मिटाने की हुई कोशिश
मृतका के भाई आयुष सिंह ने बताया कि हॉस्टल प्रशासन ने दावा किया कि उन्होंने दरवाजा तोड़कर बहन को निकाला और 15 मिनट में अस्पताल ले गए। लेकिन पहाड़ी इलाके में हॉस्टल से अस्पताल तक करीब 6 से 7 किलोमीटर की चढ़ाई तय करना पूरी तरह से असंभव है। भाई आयुष का कहना है कि बहन वासवी के रूम के लॉक के पास नई फ्लाई लगी मिली, ऐसा लग रहा था जिसे जल्दबाज़ी में फिट किया गया। जिस जगह उसका कमरा था, वहां पर उखड़े हुए सीसीटीवी कैमरे के निशान पाए गए ऐसा लग रहा था मानो लंबे समय से लगे सीसीटीवी कैमरे को जल्दबाजी में उखाड़ गया हो।
बहन के गले पर C शेप का निशान, आत्महत्या नहीं हत्या का शक
मृतका वासवी के भाई ने बताया कि फांसी लगने पर निशान V शेप में होता है, जबकि वासवी के गले पर C शेप का निशान मिला। भाई ने कहा कि यह आत्महत्या नहीं हो सकती, यह सुनियोजित हत्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि वासवी के संघर्ष को दबाने के लिए प्रशासन ने सबूत मिटाए और झूठी कहानी गढ़ दी। फिलहाल परिवार की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है, लेकिन परिजनों का कहना है कि वे जल्द ही उच्च अधिकारियों को शिकायत पत्र सौंपेंगे। गुरुवार को शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसकी रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों पर रोशनी पड़ सकती है। परिवार ने मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग से न्याय की गुहार लगाई है।
क्या है पुलिस और कॉलेज की भूमिका? जांच जरूरी
अब सवाल यह है कि क्या कॉलेज प्रशासन दोषियों को बचा रहा है? क्या रैगिंग के बाद दबाव बनाया गया? और सबसे अहम बात ये है कि क्या वासवी के साथ कोई अपराध हुआ? इन सवालों के जवाब तभी मिलेंगे जब निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को सजा मिलेगी।
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