नायब तहसीलदार पर मुकदमा दर्ज होने पर नगर निगम कर्मचारियों ने दिया धरना,एफआईआर वापिस लेने की मांग

Lucknow News: अनिश्चित कार्यबहिष्कार करने की चेतावनी

Shubham Pratap Singh
Published on: 1 Sept 2025 4:53 PM IST
Lucknow News
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Nagar Nigam Employees Protest Against FIR Filed On Naib Tehsildar 

Lucknow News: किसान को थप्पड़ जड़ने वाले नायब तहसीलदार रत्नेश श्रीवास्तव पर सुशांत गोल्फ सिटी थाना में कॉस एफआईआर दर्ज होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। FIR को फर्जी बताते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए विरोधा प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस विरोध में अधिकारी, राजस्व निरीक्षक व लेखपालों ने समेत संपत्ति विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। उन्होंने अनिश्चितकालीन समय के लिए कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। लेखपाल संघ के अध्यक्ष ने इस विरोध पदर्शन का मोर्चा सम्भाला रखा है। आपको बता दें कर्मियों और अधिकारियों का आरोप था कि किसान राम मिलन के खिलाफ कार्रवाई करने पर उनके ही खिलाफ मुकदमा दर्ज हो रहा है।

सोमवार को नायब तहसीलदार रत्नेश श्रीवास्तव पर एक किसान को थप्पड़ जड़ने के मामले में हुई क्रॉस एफआईआर के विरोध में विभाग के कर्मियों और अधिकारियों ने जमकर प्रदर्शन किया। इसके साथ ही वह कार्य ​बहिष्कार की बात पर अड़े नजर आए। मामले में तहसीलदार पर की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की जा रही है।




सरकारी जमीन पर कब्जे के विरोध में कार्रवाई करने के दौरान हुआ था मामला

25 अगस्त 2025 को नगर निगम की टीम मस्तेमऊ गांव में एक सरकारी जमीन पर हुए अवैध कब्जे को हटाने गई थी। यह जमीन खसरा नंबर 868 पर स्थित है। जिसका क्षेत्रफल 0.152 हेक्टेयर है। राजस्व रिकॉर्ड में यह जमीन 'खाद के गड्ढे' के रूप में दर्ज है और नगर निगम के अधीन सुरक्षित श्रेणी में आती है। टीम के मुताबिक राम मिलन पुत्र मायाराम ने इस जमीन के 1600 वर्ग फुट पर टिन शेड और कुल 3000 वर्ग फुट पर अवैध कब्जा कर रखा था। इस जमीन के लिए 15 जनवरी 2025 को राजस्व और नगर निगम की संयुक्त टीम ने पैमाइश कर पुष्टि की थी। जिसके बाद टीम इस कब्जे को हटाने गई थी। जब टीम कब्जा हटाने पहुंची तो सरकारी अधिकारियों,कर्मियों और राम मिलन से उनकी बहस शुरू हो गई। जिसके बाद बात इतनी बढ़ गई कि गुस्से मेंं किसान को तहसीलदार ने थप्पड़ जड़ दिया था।

क्या था पूरा मामला

राम मिलन को 25 फरवरी 2025 को अतिक्रमण हटाने का नोटिस भेजा गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला था। इसके बाद 23 अप्रैल 2025 को पुलिस बल के साथ टीम मौके पर पहुंची, तो राम मिलन ने महिलाओं को आगे कर सरकारी काम में बाधा डाली है। उस समय उनके बेटे अमित ने लिखित में कब्जा स्वीकार करते हुए 6 महीने का समय मांगा था। नगर निगम की टीम के अनुसार 25 अगस्त 2025 को अतिक्रमण हटाने गई थी, लेकिन फिर से भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। इसके बाद टीम ने मामले में एफआईआर दर्ज कराया था। जिसके बाद किसान ने नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ क्रॉस एफआईआर दर्ज करा दिया था।

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