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Thyroid News: लोहिया में थायरॉइड नोड्यूल के माइक्रोवेव एब्लेशन विधि से सर्जरी शुरू!
Lucknow News: डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग ने 3x2.5 सेमी माप वाले सौम्य थायरॉइड नोड्यूल का माइक्रोवेव एब्लेशन कर संस्थान में इस अत्याधुनिक प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है।
Team Of Endocrine Surgery Department Of RMLIMS
Lucknow News: डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (RMLIMS) के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग ने 3x2.5 सेमी माप वाले सौम्य थायरॉइड नोड्यूल का माइक्रोवेव एब्लेशन कर संस्थान में इस अत्याधुनिक प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। यह तकनीक न्यूनतम इनवेसिव थायरॉइड नोड्यूल मरीजों के लिए उनके इलाज में सफल प्रयास साबित होगा। संस्थान का मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इंडोक्राइन सर्जरी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.सारा इदरीस ने बताया कि सौम्य थायरॉइड नोड्यूल थायरॉइड ग्रंथि में उत्पन्न होने वाली छोटी व असामान्य गांठें होती हैं। जो कभी-कभी निगलने में कठिनाई, असुविधा या हार्मोन असंतुलन उत्पन्न कर सकती हैं। अल्ट्रासाउंड की मदद से इनका आसानी से पता लगाया जा सकता है। इसके बाद मरीजों मरीजों को दिए जाने वाले इलाज में आसानी होती है। अगर उनके सर्जरी की नौबत भी आती है, तो मरीजों की सर्जरी आसानी से और कम समय में कम दर्द के साथ हो सकती है। जिसका फायदा मरीज समेत उनके तीमारदारों को भी मिलेगा और उनको आर्थिक लाभ भी मिलेगा।
सुरक्षित और सटीक इलाज
माइक्रोवेव एब्लेशन एक न्यूनतम इनवेसिव, गैर-शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है। जिसमें विशेष सुई के माध्यम से लक्षित माइक्रोवेव ऊर्जा का प्रयोग कर गांठ को सिकोड़ दिया जाता है। यह तकनीक पारंपरिक सर्जरी की तुलना में अधिक सुरक्षित, सटीक व सुविधाजनक है।
क्या है न्यूनतम इनवेसिव थायरॉइड नोड्यूल
कोलाइड नोड्यूल्स थायरॉइड द्वारा कोशिकाओं का एक धीमे निर्माण में कर्यरत है। इसमें फॉलिक्युलर एडेनोमा भी सौम्य तरीके से तैयार होता है। थायरॉइड सिस्ट थायरॉइड ग्रंथि के अंदर होता है और यह एक तरल पदार्थ से भरी हुई थैली होती है। जो कैंसरयुक्त नहीं होती हैं।
क्या है लाभ
- केवल एक छोटे छेद की आवश्यकता
- बिना टांके और कम निशान
- रोगी कुछ घंटों में घर जा सकता है।
- शीघ्र रिकवरी और कम असुविधा।
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