Lucknow News: लखनऊ का प्राथमिक विद्यालय बना तालाब, छात्र-छात्राएं परेशान, जिम्मेदार मौन ?

Lucknow News: लखनऊ के कई इलाकों में मानसून की पहली बारिश के बाद जलभराव समस्या बन गई है, विद्यालयों में स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे स्थानीय लोग और अभिभावक गुस्से में हैं। उनका कहना है कि कई बार नगर निगम और स्थानीय पार्षद को शिकायतें की गईं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 12 July 2025 8:55 PM IST (Updated on: 12 July 2025 8:58 PM IST)
Lucknow
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स्कूल में भरा पानी (फोटो: सोशल मीडिया)

Lucknow News: राजधानी लखनऊ के बिजनौर क्षेत्र स्थित बिजली पासी द्वितीय वार्ड के एक प्राथमिक विद्यालय पानी से लबालब भरा है। मुख्य गेट से छात्रों को पानी से गुजर कर कक्ष में पहुंचना होता है। उसके बाद कक्ष में छात्र-छात्राओं को भीगे पांव पढ़ाई करनी पड़ रही है। इस स्थिति ने न केवल बच्चों की शिक्षा पर असर डाला है, बल्कि उनके स्वास्थ्य को लेकर भी गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं।

शिकायत बाद भी नहीं होता समाधान

लखनऊ के कई इलाकों में मानसून की पहली बारिश के बाद जलभराव समस्या बन गई है, विद्यालयों में स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे स्थानीय लोग और अभिभावक गुस्से में हैं। उनका कहना है कि कई बार नगर निगम और स्थानीय पार्षद को शिकायतें की गईं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी स्कूल को सुरक्षित और सुचारु रखना है, वे मानसून के मजे लेने में व्यस्त नजर आ रहे हैं। विद्यालय के पास रहने वाले लोगों ने बताया जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण हर बारिश के बाद स्कूल में पानी भर जाता है।

हर साल स्कूल का संचालन मुश्किल

इससे स्कूल का संचालन मुश्किल हो जाता है। बच्चों को फिसलने का डर बना रहता है, शिक्षक भी भारी परेशानी में रहते हैं। कुछ अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना तक बंद कर दिया है, उन्हें डर है कि यह जलभराव बीमारियों को न्योता दे सकता है। विद्यालय परिसर के आसपास की गलियों में भी जलभराव है, जिससे न सिर्फ बच्चों का आना-जाना मुश्किल है। जो क्षेत्र की बड़ी समस्या बन चुका है। नगर निगम और संबंधित विभागों की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं।

शिक्षा व्यवस्था की हकीकत उजागर

नगर निगम के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वार्ड के नाले की सफाई का कार्य मानसून से पहले किया जाना था, लेकिन बजट और संसाधनों की कमी के चलते देरी हुई। यह खबर शिक्षा व्यवस्था की हकीकत को उजागर करती है कि बुनियादी ढांचे की अनदेखी किस तरह बच्चों के भविष्य को प्रभावित कर रही है। जब तक अधिकारी और जनप्रतिनिधि जागरूक नहीं होंगे और ज़मीनी स्तर पर काम नहीं करेंगे, तब तक हर मानसून में ऐसी तस्वीरें सामने आती रहेंगी।

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