TRENDING TAGS :
Lucknow के 10 लाख लोगों पर पेयजल संकट, 12 अक्टूबर से 8 नवंबर तक कठौता झील की आपूर्ति रहेगी बंद
Lucknow News: कठौता झील को इंदिरा नहर से जल मिलता है, शारदा सहायक नहर के बंद होने से पानी मिलना पूरी तरह बंद हो जाएगा।
Lucknow News: राजधानी लखनऊ के एक बड़े हिस्से को आने वाले दिनों में गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। सिंचाई विभाग ने शारदा सहायक नहर (इंदिरा नहर) को सफाई और मरम्मत कार्यों के लिए 12 अक्टूबर से 8 नवंबर तक बंद करने का निर्णय लिया है। इस नहर बंदी का सीधा असर कठौता झील (तृतीय जलकल) पर पड़ेगा, जो गोमतीनगर, इंदिरानगर, चिनहट समेत जोन-4 के कई प्रमुख क्षेत्रों में जलापूर्ति का मुख्य स्रोत है। इन क्षेत्रों में निवास करने वाले लगभग 10 लाख लोग प्रभावित होंगे।इन क्षेत्रों में निवास करने वाले लगभग 10 लाख लोग प्रभावित होंगे।
इंदिरा नहर से मिलता है झील को पानी
कठौता झील को इंदिरा नहर से जल मिलता है, शारदा सहायक नहर के बंद होने से पानी मिलना पूरी तरह बंद हो जाएगा। कठौता और भरवारा झील में संग्रहीत पानी के माध्यम से ही आस-पास के क्षेत्रों को पानी की आपूर्ति की जाती है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता मुकेश वैश्य ने बताया कि नहर बंदी की सूचना जलकल विभाग को पहले ही भेज दी गई है, ताकि वे समय रहते जल भंडारण की समुचित व्यवस्था कर पाए। उन्होंने कहा कि शारदा सहायक नहर को हर वर्ष दो बार एक बार मई-जून में और दूसरी बार अक्टूबर-नवंबर में सफाई और मरम्मत के लिए बंद किया जाता है।
कठौता झील में पर्याप्त जल भंडारण
जलकल विभाग को कठौता झील में पर्याप्त जल भंडारण सुनिश्चित करने और प्रभावित क्षेत्रों में नलकूपों (Tubewells) की सहायता से वैकल्पिक आपूर्ति की व्यवस्था करनी होगी, ताकि नहर बंदी की अवधि के दौरान नागरिकों को कम से कम असुविधा हो। जलकल विभाग के अधिकारियों ने लोगों से भी अपील की है कि वे जल का उपयोग अत्यंत सावधानी और मितव्ययिता से करें। शहर के गोमतीनगर, इंदिरानगर, चिनहट समेत जोन-4 के कई प्रमुख क्षेत्रों को लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इन क्षेत्रों में निवास करने वाले लगभग 10 लाख लोग को सफाई से लाभ होगा।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!