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Lucknow News: लखनऊ में करोड़ों की साइबर फ्रॉड करने वाले 'फर्जी बेटिंग एप' गैंग का खुलासा: 1.07 करोड़ के साथ 16 गिरफ्तार, फ्लैट से LIVE चल रही थी ठगी फैक्ट्री!
Lucknow News: इसी बीच लखनऊ पुलिस ने साइबर ठगी के बड़े रैकेट का बुधवार को भंडाफोड़ करते हुए 16 लोगों को गिरफ्तार किया है।
Lucknow News: राजधानी लखनऊ में अलग अलग स्थानों पर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का लखनऊ पुलिस छापेमारी करके तेजी के साथ आरोपियों की गिरफ्तारी करते हुए खुलासा कर रही है। इसी बीच लखनऊ पुलिस ने साइबर ठगी के बड़े रैकेट का बुधवार को भंडाफोड़ करते हुए 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी गुडम्बा इलाके के स्मृति अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर 403 से ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स के जरिए लोगों से करोड़ों की ठगी कर रहे थे।
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि वहां से अवैध गतिविधियां संचालित हो रही हैं। जब टीम ने छापा मारा तो फ्लैट में एक तरह का हाई-टेक ऑपरेशन चल रहा था। मौके से पुलिस को 1 करोड़ 7 लाख 50 हजार रुपए नकद, 79 एटीएम कार्ड, 22 पासबुक, 13 चेकबुक, 54 मोबाइल, 3 लैपटॉप, 2 नोट गिनने की मशीन और कई फर्जी दस्तावेज बरामद हुए। आरोपी लोटस गेमिंग जैसे ऐप्स के जरिए फर्जी खातों में पैसा मंगवाकर, ATM से कैश निकालकर ठगी करते थे।
फ्लैट नंबर 403 बना था ठगी का अड्डा
मिली जानकारी के अनुसार, गुडम्बा थाना क्षेत्र स्थित स्मृति अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर 403 को साइबर ठगों ने एक मिनी साइबर क्राइम हब बना रखा था। पुलिस को सूचना मिली थी कि यहां कुछ संदिग्ध युवक बड़ी संख्या में मोबाइल, लैपटॉप लेकर अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं। सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच (पूर्वी जोन) और गुडम्बा पुलिस की टीम ने संयुक्त छापेमारी की। फ्लैट में 16 युवक मौजूद थे, जो लगातार मोबाइल और लैपटॉप पर कार्य कर रहे थे। पूछताछ में पता चला कि सभी युवक अवैध बेटिंग गेमिंग ऐप्स के जरिए ऑनलाइन सट्टेबाजी का संचालन कर रहे थे।
करोड़ों की नकदी के साथ तकनीकी सामान बरामद
छापेमारी के दौरान पुलिस ने फ्लैट से भारी मात्रा में कैश और तकनीकी सामान जब्त किया। पुलिस टीम के अनुसार फ्लैट से 1.07 करोड़ रुपए नगद, 79 एटीएम कार्ड, 22 पासबुक, 13 चेकबुक, 30 मोबाइल तलाशी में व 24 मोबाइल कमरे से (कुल 54), 3 लैपटॉप, 2 नोट गिनने की मशीन, 13 आधार कार्ड (एक फर्जी) व 2 टैबलेट बरामद किए हैं। इसके साथ ही पुलिस को पुराने टोकन और 1, 5 व 10 के नोट भी मिले हैं, जो संभवतः जुआ या टोकन के लेन-देन में इस्तेमाल किए जाते थे।
ऑनलाइन बेटिंग ऐप से चल रही थी ठगी
पुलिस के अनुसार, गिरोह 'लोटस गेमिंग' और अन्य ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स के माध्यम से आम लोगों को सट्टेबाजी के लिए फंसाते थे। लोग इन प्लेटफॉर्म्स पर रजिस्टर कर पैसे जमा करते थे, जो सीधे फर्जी बैंक खातों में जाते थे। ये खाते अलग-अलग राज्यों के लोगों से पैसे देकर खुलवाए जाते थे। ठग खाते का उपयोग कर पैसे निकाल लेते थे और गेमिंग साइट्स पर दिखाते थे कि ये ट्रांजेक्शन वैध है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ट्रांजेक्शन को ट्रैक करके खाते ब्लॉक होने से पहले एटीएम से पैसे निकाल लेते थे।
काम बांटकर ठगी कर रहा था गिरोह
पुलिस टीम ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में छत्तीसगढ़ और गुजरात के युवक शामिल हैं। सभी की गिरोह में भूमिका तय थी। जिसमें कोई कॉलिंग करता था तो कोई ट्रांजेक्शन हैंडल करता था, कोई बैंक खातों की जानकारी रखता था। इसी गिरोह में कुछ सदस्य कैश की निकासी व ट्रांसपोर्ट का काम करते थे। गिरफ्तार युवकों में प्रमोद साहू, साजिद अंसारी, खेमेन्द्र साहू, टिकेश कुमार यादव, सचिन गुप्ता, राकेश कुमार, राकेश प्रहलाद पटेल, गोविंद भाई मंगलदास प्रजापति, गोविंद भाई, अभय मिश्रा, अंश शर्मा, शंकर बाग विनायक चौहान मोहन सिंह विजय साहनी नाम के अभियुक्त शामिल हैं। पुलिस इनकी कॉल डिटेल्स और बैंक ट्रांजेक्शन के माध्यम से नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
फर्जी दस्तावेजों और नोटों से मचा हड़कंप
फ्लैट से जब्त किए गए आधार कार्ड और पासबुक अलग-अलग लोगों के नाम से थे। पुलिस का मानना है कि ये खाते पैसे के लालच में खुलवाए गए थे। गिरोह उन्हें कुछ राशि देकर ATM, पासबुक और दस्तावेज अपने कब्जे में ले लेता था। इतना ही नहीं, पुराने नोट और टोकन भी बरामद हुए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि आरोपी ट्रांजेक्शन को गेमिंग टोकन के रूप में दिखाने की कोशिश करते थे ताकि कानून की पकड़ से बचा जा सके।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, नेटवर्क की तलाश जारी
गिरोह के खिलाफ थाना गुडम्बा पर BNS की धारा 319(2), 318(4), 338, 336, 340(2), 111(3), 3(5)साथ ही आईटी एक्ट की धारा 66C के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस गिरोह के नेटवर्क को खंगालने में जुटी है और जो लोग इन खातों को किराए पर देते थे, उनकी भी तलाश की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह एंगर ने टीम की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है और आगे और खुलासों की उम्मीद जताई है।
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