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UP News: STF बनकर शिक्षकों से फर्जीवाड़ा करके ठगी करने वाला गैंग चढ़ा यूपी STF के हत्थे, नकली दस्तावेज और मोहरें बरामद
UP News: इन नोटिसों के जरिए गोपनीय सूचनाएं हासिल के शिक्षकों से बहाली और नियुक्ति के नाम पर मोटी रकम ऐंठी जाती थी। इस मामले में दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
STF बनकर शिक्षकों से फर्जीवाड़ा करके ठगी करने वाला गैंग चढ़ा यूपी STF के हत्थे (photo: social media )
UP News: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक ऐसे फर्जीवाड़ा गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो एसटीएफ और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के नाम से फर्जी ई-मेल आईडी बनाकर, BSA (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी), DIOS (जिला विद्यालय निरीक्षक) और परीक्षक नियंत्रकों को नकली नोटिस भेजता था। इन नोटिसों के जरिए गोपनीय सूचनाएं हासिल के शिक्षकों से बहाली और नियुक्ति के नाम पर मोटी रकम ऐंठी जाती थी। इस मामले में दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
कब्जे से फर्जी दस्तावेज के साथ अधिकारियों की नकली मोहरें बरामद
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान प्रयागराज के रहने वाले बजरंगी लाल गुप्ता और फतेहपुर के रहने वाले जयप्रकाश तिवारी के रूप में हुई है। इन दोनों के पास से कई फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन, टैबलेट, विभिन्न अधिकारियों की नकली मोहरें, तथा वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के नाम से कूटरचित प्रमाणपत्र बरामद किए गए हैं। गिरफ्तारी कौशाम्बी जिले के मंझनपुर थाना क्षेत्र से की गई।
पहले शिक्षक पद से हुआ बर्खास्त, फिर शुरू किया फर्जीवाड़े का खेल
यूपी STF की टीम ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद हुई जांच में सामने आया है कि अभियुक्त बजरंगी लाल पहले एक शिक्षक था, जिसे फर्जी मार्कशीट के चलते 2013 में बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद उसने फर्जी नियुक्ति और बहाली के खेल में उतरकर कई अभ्यर्थियों से ठगी की। बजरंगी ने पूछताछ में बताया कि वह शिक्षक बनना चाहता था, पर बर्खास्तगी के बाद उसने फर्जीवाड़े का रास्ता चुन लिया। उसने बताया कि उसका साथी जयप्रकाश तिवारी, फर्जी दस्तावेजों और नोटिसों को टाइप करके तैयार करता था।
कई जिलों में STF के नाम से शिक्षा विभाग को भेजे फर्जी नोटिस
जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपियों की ओर से प्रयागराज, झांसी और फतेहपुर समेत कई जिलों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को एसटीएफ के नाम से नोटिस भेजे गए थे, जिनमें शिक्षक से संबंधित संवेदनशील जानकारी मांगी जाती थी। इन सूचनाओं के आधार पर फर्जी बहाली और बहाली निरस्तीकरण के नाम पर रुपए वसूले जाते थे। पहले भी बजरंगी पर झांसी के गरोठा और मऊरानीपुर थानों में कई धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें वह जेल भी जा चुका है। फिलहाल एसटीएफ गिरफ्तार अभियुक्तों की अन्य अपराधिक गतिविधियों और नेटवर्क की पड़ताल कर रही है।
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