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Mathura News: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भक्ति की बयार, चंचलापति दास बोले – श्रीकृष्ण ही हैं सर्वशक्तिमान
Mathura News: उत्सव के मुख्य आकर्षणों में लड्डू गोपाल अभिषेक, छप्पन भोग, विशेष पोशाक धारण, झूलन उत्सव, भजन संध्या और हरिनाम संकीर्तन शामिल रहे।
Mathura News: वृन्दावन। भक्तिवेदांत स्वामी मार्ग स्थित वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण दिवस जन्माष्टमी आध्यात्मिक उत्साह और दिव्य भक्ति भाव के साथ मनाया गया। मंदिर परिसर को भक्तों ने विभिन्न पुष्पों से सुसज्जित किया, जिससे पूरा वातावरण मनोहर हो उठा।
उत्सव के मुख्य आकर्षणों में लड्डू गोपाल अभिषेक, छप्पन भोग, विशेष पोशाक धारण, झूलन उत्सव, भजन संध्या और हरिनाम संकीर्तन शामिल रहे। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान श्रीश्री राधा वृन्दावन चंद्र का महाभिषेक पंचगव्य (दूध, दही, घी, शहद, मिश्री), 108 प्रकार के फलों के रस, औषधियों और पुष्पों से किया गया। इस अवसर पर हरे-श्याम रंग के रेशमी और चांदी की कढ़ाईयुक्त वस्त्र पहनाए गए, वहीं निताई गौरांग को विशेष अलंकरण और पुष्पमालाओं से सजाया गया।
मंदिर अध्यक्ष श्री चंचलापति दास ने अपने संबोधन में ब्रह्मसंहिता के श्लोक
ईश्वरः परमः कृष्णः सच्चिदानंद विग्रहः।
अनादिरादिर्गोविंदः सर्वकारणकारणम्॥
का भावार्थ बताते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ही पूर्ण परमात्मा हैं। उनका शरीर शाश्वत और आध्यात्मिक है, जिसका न आदि है और न अंत। वे ही सभी कारणों के मूल कारण हैं। उन्होंने श्रीमद्भगवद् गीता (7.19) का उल्लेख करते हुए कहा कि अनेक जन्मों के बाद, जो वास्तव में ज्ञानवान होता है, वह भगवान को सभी कारणों का कारण जानकर उनकी शरण में आता है और ऐसी महान आत्मा अत्यंत दुर्लभ होती है।
रात 12 बजे जैसे ही भगवान् श्रीकृष्ण के जन्म का समय हुआ, सम्पूर्ण मंदिर परिसर “श्रीकृष्ण” के जयकारों और हरिनाम संकीर्तन से गूंज उठा। भक्तगण स्वाती मिश्रा द्वारा प्रस्तुत भजनों से भाव-विभोर हो गए। वातावरण इत्र और प्राकृतिक सुगंधित अगरबत्तियों से सुवासित था। भक्त एवं श्रद्धालुओं ने गौड़ीय वैष्णव संगीत में भाग लेकर आध्यात्मिक आनंद का अनुभव किया।
इस पावन अवसर पर लखनऊ, आगरा, दिल्ली, जयपुर सहित देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और गणमान्य व्यक्ति वृन्दावन पहुंचे।
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