Meerut News: बसपा में आकाश की ताजपोशी का असर, पश्चिम यूपी की सियासत में दलित नेतृत्व की जंग तेज, मायावती के दांव से चंद्रशेखर की बढ़त पर ब्रेक

Meerut News: मायावती ने कुछ दिन पहले ही अपने भतीजे आकाश आनंद को बहुजन समाज पार्टी की कमान सौंप दी थी, लेकिन अब उस फैसले का ज़मीनी असर दिखाई देने लगा है।

Sushil Kumar
Published on: 4 Jun 2025 12:44 PM IST
Meerut News: बसपा में आकाश की ताजपोशी का असर, पश्चिम यूपी की सियासत में दलित नेतृत्व की जंग तेज, मायावती के दांव से चंद्रशेखर की बढ़त पर ब्रेक
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Meerut News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश की दलित राजनीति में अब असली लड़ाई शुरू हो चुकी है। मायावती ने कुछ दिन पहले ही अपने भतीजे आकाश आनंद को बहुजन समाज पार्टी की कमान सौंप दी थी, लेकिन अब उस फैसले का ज़मीनी असर दिखाई देने लगा है। आकाश अब न सिर्फ पार्टी के चेहरा हैं, बल्कि मायावती की रणनीति का सीधा वार भी—और निशाने पर हैं चंद्रशेखर ‘रावण’।

चंद्रशेखर, जो अब तक खुद को मायावती की विरासत का असली वारिस मानकर चल रहे थे, पश्चिम यूपी में दलित युवाओं की पहली पसंद बनने की होड़ में थे। मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और बिजनौर की गलियों में उनकी सभाओं में जुटती भीड़ और ऊंचे नारों ने यह संकेत देना शुरू कर दिया था कि बसपा की जमीन खिसक रही है।

लेकिन मायावती ने जब आकाश को पार्टी का चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाकर राजनीति में दोबारा सक्रिय किया, तो यह सिर्फ एक पारिवारिक वापसी नहीं थी—यह सीधा संदेश था कि ‘बसपा की विरासत घर के बाहर नहीं जाएगी’।

अब आकाश रणनीतिक बैठकों में जुटे हैं, सोशल मीडिया से लेकर संगठन तक, हर स्तर पर सक्रिय हो चुके हैं। लखनऊ से लेकर मुरादाबाद तक बसपा कैडर में नई हलचल है। पुराने कार्यकर्ता भी मैदान में लौटते दिख रहे हैं।

चंद्रशेखर की मुश्किल यह है कि वे एक ओर खुद को नया चेहरा बताना चाहते हैं, लेकिन दूसरी ओर मायावती के नाम से दूरी भी नहीं बना पा रहे। उनके बयानों में आकाश पर निशाना है, लेकिन मायावती के लिए सम्मान की जगह भी—और यही बात उनकी रणनीति को उलझा रही है।

अब बड़ा सवाल यह है कि 2027 के चुनाव में दलित वोट किसके साथ जाएगा? अनुभव और परंपरा के प्रतीक आकाश आनंद के साथ? या बगावती तेवर और युवा जोश से लैस चंद्रशेखर के साथ?

फिलहाल मेरठ और आस-पास के जिलों में बसपा कार्यकर्ताओं में मायावती के इस फैसले को लेकर नई ऊर्जा देखी जा रही है। अब देखना होगा कि पश्चिमी यूपी की दलित राजनीति की अगली दिशा क्या मोड़ लेती है — चंद्रशेखर की चुनौती टिकी रहेगी या आकाश आनंद नया चेहरा बनकर उभरेंगे।

बहरहाल,पश्चिम यूपी की सियासत में यह टकराव आने वाले महीनों में और भी गर्माने वाला है।

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