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Meerut News: हस्तिनापुर अभ्यारण्य में खैर कटान करने वाले गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार
Meerut News: हस्तिनापुर वन्यजीव अभ्यारण्य में खैर वृक्षों की अवैध कटान करने वाले गिरोह पर वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, चार आरोपी गिरफ्तार, लकड़ी और उपकरण बरामद।
हस्तिनापुर अभ्यारण्य में खैर कटान करने वाले गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार (Photo- Newstrack)
Meerut News: हस्तिनापुर वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्र में खैर वृक्षों की अवैध कटान करने वाले गिरोह के खिलाफ वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। कई दिनों की जांच और लगातार दबिश के बाद हस्तिनापुर वन रेंज टीम ने चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
प्रभागीय वन अधिकारी सुश्री वंदना ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों में लोकेश पुत्र इलमचंद, आदित्य पुत्र लोकेश, सिट्टू पुत्र लोकेश (सभी निवासी ग्राम शेरपुर, जनपद अमरोहा) और अली हसन निवासी आसिफाबाद, मेरठ शामिल हैं। ये लोग अर्जुन और द्रौपदी वन ब्लॉक के आरक्षित क्षेत्रों में खैर के पेड़ों की अवैध कटान कर रहे थे।
वन विभाग की टीम ने बताया कि यह गिरोह खैर के पेड़ों को काटने के बाद लकड़ी को जंगल की झाड़ियों में छिपा देता था और मौका मिलते ही अवैध तरीके से उसे बाहर भेज देता था। बीते दिनों विभाग को खुफिया सूचना मिली, जिसके आधार पर कई स्थानों पर दबिश दी गई। दबिश के दौरान चारों अभियुक्तों को मौके से गिरफ्तार किया गया, जबकि कुछ अन्य आरोपी फरार हैं।
गिरोह अमरोहा जनपद के शेरपुर गांव का सक्रिय नेटवर्क
वन विभाग के अनुसार, अमरोहा के शेरपुर गांव में खैर कटान करने वाले कई सक्रिय गिरोह काम कर रहे हैं जो आस-पास के जिलों के जंगलों में अवैध लकड़ी कटान के लिए कुख्यात हैं। इनमें से कई अभियुक्तों के खिलाफ पूर्व में भी मुकदमे दर्ज हैं और कुछ हिस्ट्रीशीटर बताए जाते हैं। फरार अभियुक्तों की तलाश के लिए विशेष टीम गठित की गई है।
कार्रवाई के दौरान वन विभाग ने खैर की लकड़ी, आरा, कुल्हाड़ियाँ, फावड़ा, रस्सी आदि उपकरण बरामद किए हैं, जिन्हें साक्ष्य स्वरूप सीज़ कर सुरक्षित रखा गया है।
वन क्षेत्राधिकारी खुशबू उपाध्याय ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर मेरठ जिला कारागार भेज दिया गया।
डीएफओ वंदना ने कहा, “वनों की कटान और वन्यजीव अपराध अत्यंत गंभीर अपराध हैं। ऐसे मामलों में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।”
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