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Meerut News: भाकियू की किसान पंचायत में हुंकार: आर-पार की लड़ाई को तैयार किसान, 5000 नए सदस्य बनाने का ऐलान
Meerut News: पंचायत की अध्यक्षता कृष्णपाल सिंह ने की, जबकि जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी बतौर मुख्य समीक्षक उपस्थित रहे। पंचायत का संचालन मोनू टिकरी और हर्ष चहल ने संयुक्त रूप से किया।
भाकियू की किसान पंचायत में हुंकार (photo: social media )
Meerut News: स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की जन्मभूमि भूपगढ़ी जानी में आज भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) द्वारा सदर तहसील स्तरीय समीक्षा किसान पंचायत का आयोजन किया गया। इस पंचायत में किसानों ने आर-पार की लड़ाई के लिए अपनी हुंकार भरी और संगठन को मजबूत करने के लिए 5,000 सक्रिय सदस्य बनाने का ऐलान किया। पंचायत की अध्यक्षता कृष्णपाल सिंह ने की, जबकि जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी बतौर मुख्य समीक्षक उपस्थित रहे। पंचायत का संचालन मोनू टिकरी और हर्ष चहल ने संयुक्त रूप से किया।
पंचायत में सदर तहसील क्षेत्र के लगभग 100 ग्रामों के संगठन अध्यक्षों ने भाग लिया। इस दौरान किसानों की समस्याओं पर गहन चर्चा हुई, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित मुद्दे शामिल थे:
-तहसील स्तर पर फैला भ्रष्टाचार
-थानों की अनुचित कार्यवाहियां
-गन्ना भुगतान में देरी
-सिंचाई विभाग और बिजली विभाग द्वारा किया जा रहा उत्पीड़न
-स्मार्ट मीटर और ट्यूबवेल मीटर योजना से किसानों में नाराजगी
किसानों ने इन समस्याओं पर तत्काल कार्रवाई की मांग की और 9 जुलाई को मेरठ मंडलायुक्त को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया।
संगठन गांव-गांव तक सक्रिय रहेगा
जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि संगठन गांव-गांव तक सक्रिय रहेगा और आगामी दिनों में सदर तहसील क्षेत्र में पांच हजार सक्रिय सदस्य बनाए जाएंगे। उन्होंने किसानों से एकजुट होकर आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। मेजर चिंदौड़ी ने भी सभी से एकजुटता बनाए रखने को कहा, जबकि मोनू टिकरी ने संघर्ष के लिए तत्पर रहने पर जोर दिया। हर्ष चहल ने युवाओं से बुजुर्गों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की अपील की।
इस अवसर पर लोकेश, राजपाल, सनी प्रधान, वेदपाल प्रधान, कपिल, बबलू गुर्जर, ओमवीर गुर्जर, प्रशांत त्यागी, सोनू, ब्रह्म सिंह, लाला वीरेंद्र, बिट्टू, उत्तम, केपी, डीके, नवीन, सुनील, सत्ते, लोकेन्द्र, चिंकू, नीटू सहित बड़ी संख्या में संगठन पदाधिकारी और किसान मौजूद रहे। यह पंचायत किसानों के बढ़ते असंतोष और अपनी मांगों को लेकर उनकी दृढ़ता का स्पष्ट संकेत है।
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