ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम की बिजली कटी, मंच पर हाथ में कैंची लिए खड़े रहे, पांच कर्मचारी निलंबित

Power cut: यह दृश्य न केवल प्रशासन के लिए शर्मनाक रहा, बल्कि विभागीय जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े कर गया। मंत्री की सख्त फटकार के बाद पांच कर्मचारियों का तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 21 July 2025 11:52 AM IST (Updated on: 21 July 2025 12:00 PM IST)
ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम की बिजली कटी, मंच पर हाथ में कैंची लिए खड़े रहे, पांच कर्मचारी निलंबित
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Moradabad News

Power Cut: उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को उस वक्त भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब उनके ही कार्यक्रम में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। यह घटना विभागीय लापरवाही और अव्यवस्था की असल तस्वीर बनकर सामने आई। यह दृश्य न केवल प्रशासन के लिए शर्मनाक रहा, बल्कि विभागीय जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े कर गया। मंत्री की सख्त फटकार के बाद पांच कर्मचारियों का तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

5D मोशन थिएटर का था उद्घाटन समारोह

रविवार को मुरादाबाद में आयोजित एक सरकारी समारोह में ऊर्जा मंत्री विभिन्न विकास योजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण के लिए पहुंचे थे। पूरा कार्यक्रम दिनभर की विभागीय बैठकों और जनप्रतिनिधियों से संवाद के बाद आयोजित किया गया था। इसी क्रम में मंत्री जी शाम को नगर निगम द्वारा तैयार किए 5D मोशन थिएटर का उद्घाटन करने कंपनी बाग पहुंचे। वह कार्यक्रम जैसे ही उद्घाटन के अंतिम चरण में पहुंचा और मंत्री मंच पर फीता काटने के लिए कैंची हाथ में लेकर खड़े हुए। तभी अचानक बिजली गुल हो गई और चारों ओर अंधेरा छा गया

ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम में बिजली रही गुल

कार्यक्रम स्थल पर मौजूद अधिकारी करीब 10 मिनट तक बिजली आपूर्ति बहाल करने में असफल रहे। इस घटनाक्रम से मंत्री नाराज हो गए। ऊर्जा मंत्री ने मंच से ही अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने पीवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक को तुरंत फोन कर के लापरवाह कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इस निर्देश के बाद विभाग ने तुरंत एक्शन लेते हुए पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। यह घटना सिर्फ एक तकनीकी त्रुटि नहीं थी, बल्कि विभागीय लापरवाही का प्रतीक बन गई है।

बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

प्रदेश के जनप्रतिनिधियों ने पहले भी बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि विद्युत विभाग के अधिकारी न तो आम जनता के फोन उठाते हैं, न ही समय पर शिकायतों का समाधान करते हैं। ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम में बिजली बाधित होने की घटना ने शिकायतों की पुष्टि कर दी है। इस घटना ने प्रदेश में बिजली विभाग की साख पर गहरा असर डाला है। ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि आगे इस प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी और जरूरत पड़ी तो जवाबदेही तय करते हुए उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।

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