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Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर: महंत यशवीर महाराज का विवादित बयान, 'मुस्लिमों की बनाई कांवड़ न खरीदें, स्वयं तैयार कर लाएं'
Muzaffarnagar News: यशवीर महाराज का दावा है कि हरिद्वार में 90% 'जिहादी गैंग' (मुस्लिम) लोग कांवड़ बनाने का काम करते हैं।
Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर, 5 जुलाई 2025: कांवड़ यात्रा के दौरान दुकान, ढाबों और रेस्टोरेंटों पर 'नेम प्लेट' लगाने के अपने 'पहचान अभियान' से सुर्खियों में आए मुजफ्फरनगर स्थित योग साधना आश्रम के महंत यशवीर जी महाराज ने शनिवार को एक और विवादित वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में उन्होंने शिवभक्त कांवड़ियों से एक बड़ी अपील की है, जिसमें उन्होंने हरिद्वार से कांवड़ न खरीदने का आग्रह किया है।
'जिहादी गैंग' पर लगाया आरोप
यशवीर महाराज का दावा है कि हरिद्वार में 90% 'जिहादी गैंग' (मुस्लिम) लोग कांवड़ बनाने का काम करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि "ये जिहादी लोग जब थूक और मूत्र से भोजन को अशुद्ध करने का काम करते हैं, तो इनकी बनाई हुई कांवड़ भी अशुद्ध ही होगी।"
स्वामी यशवीर जी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि हरिद्वार से कांवड़ लाने वाले शिव भक्तों को यह जानकारी देनी है कि जो सनातन धर्म के लोगों के भोजन में थूक और मूत्र करने वाला 'जिहादी गैंग' है, उसी 'जिहादी गैंग' के 90% कांवड़ बनाने वाले हरिद्वार में मौजूद हैं। उनका तर्क है कि जब ये लोग भोजन को अपवित्र करते हैं, तो उनके द्वारा बनाई गई कांवड़ भी पहले ही अशुद्ध और खंडित हो चुकी होती है।
स्वयं कांवड़ बनाने का सुझाव
महंत यशवीर महाराज ने कांवड़ियों से अपील की है कि वे हरिद्वार से कांवड़ न खरीदें। इसके बजाय, उन्होंने सुझाव दिया कि भक्त कांवड़ बनाने का सामान अपने ही घर से लेकर जाएं या सिर्फ एक डंडा और प्लास्टिक की दो छोटी-छोटी कैन या दो लोटे लेकर जाएं। हरिद्वार से पवित्र गंगाजल उन कनस्तरों या लोटों में भरकर अपने डंडे में बांधकर कांवड़ की तरह लाएं। उनका कहना है, "यह कांवड़ जब आप इस तरह की लाओगे, यह पवित्र कांवड़ है, यही कांवड़ लगेगी और वह वहां से खरीदी हुई अपवित्र और खंडित कांवड़ नहीं लगेगी।"
मूर्ति पूजा और आस्था का मुद्दा
यशवीर महाराज ने उन लोगों पर भी सवाल उठाया जिनके मजहब में मूर्ति पूजा करना, मूर्ति पूजा का सामान बेचना या प्रसाद बेचना 'हराम' माना जाता है। उन्होंने पूछा कि फिर सनातन धर्म की मूर्ति पूजा से संबंधित कांवड़ का सामान बनाने का अधिकार उन्हें किसने दिया है? उन्होंने कहा, "कांवड़ बनाने वाले इन लोगों के ऊपर हमें बिल्कुल भी विश्वास नहीं है क्योंकि यह हमारी पवित्रता का, हमारे सनातन धर्म की आस्था का प्रश्न है। इसलिए ये लोग हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ न करें और सनातन धर्म के लोग बस वहां से कांवड़ न खरीदें और अपनी ही कांवड़ लेकर के आएं।"
यह बयान कांवड़ यात्रा से ठीक पहले आया है, जिससे धार्मिक भावनाओं और सांप्रदायिक सौहार्द पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
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