Shamli News: कावड़ यात्रा से पहले स्वामी यशवीर महाराज सड़कों पर उतरे, 'हिंदू दुकानों' को भेंट किए भगवान वराह के चित्र

Shamli News: बघरा आश्रम के स्वामी यशवीर महाराज बुधवार को अपने शिष्यों के साथ शामली पहुँचे। उन्होंने कावड़ मार्ग पर दुकानदारों को भगवान वराह का चित्र व एक ध्वज भेंट किया।

Pankaj Prajapati
Published on: 2 July 2025 7:56 PM IST
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Shamli News:आगामी कावड़ यात्रा को मद्देनजर रखते हुए, बघरा आश्रम के स्वामी यशवीर महाराज बुधवार को अपने शिष्यों के साथ शामली पहुँचे। उन्होंने कावड़ मार्ग पर स्थित दर्जनों हिंदू खाद्य पदार्थों की दुकानों का दौरा किया और दुकानदारों को भगवान वराह का चित्र व एक ध्वज भेंट किया। इस दौरान स्वामी यशवीर महाराज ने सभी दुकानदारों को कावड़ यात्रा के दौरान साफ-सफाई आदि के लिए जागरूक किया, जिस पर लोगों ने जमकर "हर हर महादेव" के नारे लगाए।

स्वामी यशवीर महाराज ने इस अभियान के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि हरिद्वार से कावड़ यात्रा मार्ग उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली, मध्य प्रदेश को जाता है। कावड़ लाने वाले सभी शिवभक्त इन्हीं मार्गों से होकर अपना गंतव्य तय करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन मार्गों पर बड़ी संख्या में ऐसे होटल और ढाबे हैं जो सनातन धर्म के देवी-देवताओं या सनातन धर्म के लोगों के नाम पर बनाए जाते हैं, लेकिन इनके संचालक हिंदू न होकर मुसलमान होते हैं। स्वामी यशवीर महाराज का आरोप है कि आए दिन खबरें आती रहती हैं कि सनातन धर्म के लोगों के भोजन में कभी थूक तो कभी मूत्र या गोमांस मिलाने के मामले सामने आते रहते हैं। उन्होंने यह भी गंभीर आरोप लगाया कि ऐसे लोगों द्वारा सनातन धर्म के लोगों के विरुद्ध खाने में उन्हें नपुंसक बनाने वाली औषधि दी जा रही है, जिससे सनातन धर्म के पुरुष नपुंसक हो जाएं और महिलाएं बांझ हो जाएं।

स्वामी यशवीर महाराज ने कहा कि ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए, खासकर सावन मास में जब कावड़ लाने वाले शिवभक्त लहसुन-प्याज का भी सेवन नहीं करते। उन्होंने कहा कि "जिहादी" मानसिकता के लोग शिवभक्तों के भोजन में कोई ऐसी अभक्ष्य चीज न दे दें, जिससे उनका धर्म भ्रष्ट हो जाए। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कावड़ लाने वाले शिव भक्तों को शुद्ध भोजन मिले और उनकी भक्ति बाधित न हो। इसलिए यह अभियान चलाया गया है। उन्होंने सभी सनातन धर्म के खाद्य पदार्थ की दुकान चलाने वालों से अपील की कि वे अपनी दुकानों पर भगवा झंडा और भगवान वराह का चित्र लगाएं। उन्होंने दावा किया कि जहाँ भगवान वराह का चित्र होगा, वहाँ थूकने या मूतने वाला "जिहादी गैंग" नहीं आएगा।

स्वामी ने यह भी कहा कि सभी मुसलमान अपने नाम या अपने मजहब के नाम का बोर्ड लगाएं, क्योंकि सनातन धर्म के देवी-देवताओं का नाम लगाने का उन्हें किसी ने ठेका नहीं दिया। उन्होंने सनातन धर्म के लोगों से भी अपील की कि वे वहीं भोजन करें जहाँ सनातन धर्म का ढाबा या होटल हो और उसमें भगवान वराह का चित्र लगा हो। अपने मुस्लिम विरोधी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो धर्म की बात करता है और राष्ट्र रक्षा का कार्य करता है, उस पर आरोप लगना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, "हमें कोई आतंकवादी कहता है, लेकिन हम किसी की बात पर ध्यान नहीं देते। हम साधु हैं। लोग हमें गाली भी देंगे और पत्थर भी मारेंगे, लेकिन कल उसी समाज के लोग हमारे ऊपर फूलों की वर्षा भी करेंगे। ऐसे लोगों की वजह से हम धर्म की रक्षा का कार्य बंद नहीं कर सकते।" इस दौरान करीब आधा दर्जन लोग स्वामी यशवीर महाराज के साथ मौजूद रहे।

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