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Sambhal News: SP सांसद जावेद अली खान का BJP सांसद निशिकांत दुबे पर तीखा हमला, CM योगी के 'कांवड़िया-आतंकवादी' बयान पर भी साधा निशाना
Sambhal News: संभल जिले के बहजोई में पहुंचे जावेद अली खान ने निशिकांत दुबे के उस बयान को लेकर उन पर तंज कसा, जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी जी यदि नहीं होंगे तो बीजेपी 2029 में डेढ़ सौ सीट से ज्यादा नहीं जीत सकती।
Sambhal News: समाजवादी पार्टी (SP) के राज्यसभा सांसद जावेद अली खान ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद निशिकांत दुबे पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दुबे हरसंभव कोशिश कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर लें, इसी के चलते वे प्रधानमंत्री की बढ़-चढ़कर तारीफ कर रहे हैं और विपक्षी दलों के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
संभल जिले के बहजोई में पहुंचे जावेद अली खान ने निशिकांत दुबे के उस बयान को लेकर उन पर तंज कसा, जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी जी यदि नहीं होंगे तो बीजेपी 2029 में डेढ़ सौ सीट से ज्यादा नहीं जीत सकती। जावेद अली खान ने कहा कि प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए अब निशिकांत दुबे हदें पार कर रहे हैं, लेकिन इस तरह के बयान देकर क्या वे सफल होंगे या नहीं, ये तो समय बताएगा।
CM योगी के 'कांवड़िया-आतंकवादी' बयान पर साधा निशाना
जावेद अली खान ने हाल ही में कांवड़ियों और आतंकवादियों को एक साथ जोड़ने वाली कथित टिप्पणी पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह पहली बार है कि मुख्यमंत्री खुद कांवड़ियों को आतंकवादी से जोड़ने जैसी बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा, "न किसी समुदाय की तरफ से इस तरह की बात कही गई, न किसी संगठन की ओर से। अगर किसी व्यक्ति ने ऐसा कुछ कहा हो तो मुझे जानकारी नहीं है। ये बयान बेहद गैरज़िम्मेदाराना है।"
बिहार चुनाव आयोग और NCERT की किताबों पर भी उठाये सवाल
जावेद अली ने बिहार में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठ रहे सवालों पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठना लोकतंत्र के लिए बेहद चिंता का विषय है। ऐसा प्रतीत होता है कि आयोग निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा है, जो कि बेहद खतरनाक संकेत है।
वहीं, NCERT की किताबों में मुग़ल शासकों को क्रूर बताए जाने पर भी जावेद अली खान ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकारें किताबें बदल सकती हैं, लेकिन इतिहास नहीं बदला जा सकता। इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करना न केवल छात्रों को भ्रमित करता है, बल्कि यह समाज में वैमनस्य भी फैलाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास से छेड़छाड़ करने की ये कोशिशें सिर्फ सत्ता के प्रचार के लिए हो रही हैं, जो लंबे समय तक देश के लिए नुकसानदेह साबित होंगी।
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