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Sant Kabir Nagar: कमीशन के हिस्सेदारी में अटकी हैं दर्जन भर गांवों की मनरेगा स्वीकृत परियोजनाएं
Sant Kabir Nagar: विकास कार्यों में पारदर्शिता को लेकर नाथनगर और सांथा के BDO बदले गए।
कमीशन के हिस्सेदारी में अटकी हैं दर्जन भर गांवों की मनरेगा की स्वीकृत परियोजनाएं (photo: social media )
Sant Kabir Nagar News: मनरेगा में विवादित कार्यप्रणाली के लिए चर्चित नाथनगर ब्लॉक एक बार फिर सुर्खियों में है। पूर्व बीडीओ के स्थानांतरण के बाद अब ग्राम पंचायतों को मनरेगा की स्वीकृत परियोजनाओं के एएसएफएस और टीएस को लेकर बीडीओ कार्यालय की परिक्रमा करनी पड़ रही है। बताया जाता है कि वित्तीय स्वीकृति के कमीशन की हिस्सेदारी इसका दायित्यों के निर्वहन में बाधक साबित हो रही है।
पिछले दिनों जिलाधिकारी के निर्देश पर विकास कार्यों में सुचिता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए खंड विकास अधिकारियों के कार्य क्षेत्र में व्यापक बदलाव किया गया। जिसके तहत नाथनगर ब्लॉक के बीडीओ विवेकानंद मिश्र को सांथा की जिम्मेदारी देते हुए बेलहर के बीडीओ कुलदीप कुमार को नाथनगर का जिम्मा सौंपा गया। स्थानांतरण से ठीक पहले तत्कालीन बीडीओ विवेकानंद मिश्र ने लगभग डेढ़ दर्जन गांवों की कई परियोजनाओं की पांच पन्नो वाली प्रचलित पावती पर तो स्वीकृति हो गई लेकिन सिक्योर पर एएसएफएस/टीएस होने से पहले ही साहब का स्थानांतरण हो गया।
नए बीडीओ के रूप में कुलदीप कुमार ने कार्यभार ग्रहण किया
नए बीडीओ के रूप में कुलदीप कुमार ने कार्यभार ग्रहण किया तो पोर्टल पर रुकी फाइलों को आगे बढ़ाने के लिए संबंधित प्रधान बीडीओ कार्यालय के चक्कर लगाने लगे। सूत्रों का दावा है मौजूदा बीडीओ ने बिना अपनी संपूर्ण हिस्सेदारी लिए उक्त फाइलों का एएसएफएस/टीएस करने से इंकार कर दिया। कुल मिलाकर पुराने साहब की पांच पन्ने वाली पावती को नए साहब ने नही माना। चर्चा है कि साहब अपने हिस्से की संपूर्ण हिस्सेदारी लिए बिना पुराने साहब द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं को आगे नहीं बढ़ाएंगे। इसको लेकर ग्राम प्रधानों में आक्रोश व्याप्त है। सवाल यह है कि हिस्सेदारी के अधिकार के लिए भिड़े साहबों की जंग में आर्थिक रूप से ग्राम प्रधान क्यों घायल हो? तमाम प्रधानों ने मामले में जिलाधिकारी से हस्तक्षेप की मांग किया है।
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