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Shravasti News: श्रावस्ती में फर्जी दस्तावेज से नौकरी कर रही महिला सफाई कर्मी बर्खास्त, विभाग में हड़कंप
Shravasti News: ग्राम पंचायत बैदौरा मसरिक विकास क्षेत्र इकौना में तैनात महिला कर्मचारी रामावती ने कूटरचित शैक्षिक दस्तावेज के सहारे नौकरी प्राप्त की है जो इसी विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत नरपतपुर झब्बापुरवा की निवासी है।
Shravasti News: श्रावस्ती में फर्जी शैक्षिक अभिलेख से सफाई कर्मचारी की नौकरी हथियाने का एक मामला प्रकाश में आया है। शिकायत पर मामले की जांच की गई। जिसमें फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। इस पर विभाग की ओर से महिला सफाई कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी गई।
मिली जानकारी के अनुसार विकास खंड इकौना क्षेत्र के झब्बापुरवा निवासी मंजू देवी पत्नी शिवराम ने जनसुनवाई पार्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया था कि ग्राम पंचायत बैदौरा मसरिक विकास क्षेत्र इकौना में तैनात महिला कर्मचारी रामावती ने कूटरचित शैक्षिक दस्तावेज के सहारे नौकरी प्राप्त की है जो इसी विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत नरपतपुर झब्बापुरवा की निवासी है। शिकायत मिलने पर जिला पंचायत राज अधिकारी नन्दलाल की ओर से मामले की जांच कराई गई।
जांच में मिला कि रामावती ने आवेदन के दौरान सत्य साई इण्टर कालेज साईंपुरम परसोहना बहराइच से उत्तीर्ण अंकपत्र संलग्न किया था जो फर्जी है। इसकी पुष्टि संबंधित विद्यालय से भी की गई। जहां के प्रधानाचार्य ने लिखित रूप से स्पष्ट किया कि रामावती ने इस विद्यालय से कोई परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है और न ही उसका इस विद्यालय में नामांकन था। इस विद्यालय से संबंधित उसके शैक्षिक अभिलेख पूरी तरह से फर्जी व कूटरचित हैं।
रामावती की सेवा समाप्त कर दिया गया
इसके बाद विभाग की ओर से रामावती को नोटिस देकर अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया, लेकिन वह दिय गए समय में न तो उपस्थित हुई और न ही साक्ष्य प्रस्तुत की। ऐसी स्थिति में जिला पंचायत राज अधिकारी नन्दलाल की ओर से रामावती की सेवा समाप्त कर दिया गया। साथ ही फर्जीवाड़े के तहत विभाग की ओर से आगे की विधिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। उधर रामावती की बर्खास्ती के बाद विभाग में अफवाहों का बाजार गर्म रहा है।
विभाग तब क्या सो रहा था?
कुछ सफाई कर्मचारी नाम न छापने की शर्त पर कह रहे थे कि यह विभागीय कार्रवाई उन लोगों के समझ से परे है। कहा जा रहा है कि जब विभाग ऐसे लोगों की भर्ती करता है तब क्या सो रहा था। इससे साफ होता है कि ज्यादातर विभागों में भर्तियां में कही न कही विभागीय कर्मचारियों की गठजोड़ रही है और जांच भर्ती के दौरान संबंधित अधिकारियों और बाबूओं की भी होनी चाहिए।तभी ऐसी बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
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