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Shravasti News: आरटीई नामांकन में प्रदेश में अव्वल, डीएम बोले- बेहतर शिक्षा से बढ़ेगी साक्षरता दर
Shravasti News: इस योजना के अन्तर्गत जनपद को 465 बच्चों का नामांकन, मान्यता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में कराये जाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ था।
DM Ajay Kumar Dwivedi (photo: social media )
Shravasti News: नेपाल सीमा से सटा जनपद श्रावस्ती अनेक क्षेत्रों में सफलता के नित नये आयाम स्थापित कर रहा है। इसी श्रृंखला में श्रावस्ती निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (ग) अर्थात आरटीई के अन्तर्गत ऐसे बच्चे जो अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग से आते हैं, उनके प्रवेश में प्रदेश में प्रथम सोपान पर स्थापित हुआ है। इस योजना के अन्तर्गत जनपद को 465 बच्चों का नामांकन, मान्यता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में कराये जाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। जिसके लिए पात्रता श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले अभिभावकों से उनके बच्चों के प्रवेश के लिए आवेदन ऑनलाइन आमंत्रित किये गये थे। ऑनलाइन प्राप्त आवेदन पत्रों के जांचोपरान्त लॉटरी के माध्यम से बच्चों का चयन किया गया।
यह प्रक्रिया चार चरणों मे सम्पादित करायी गयी, जिसमें जनपद को आवंटित लक्ष्य 465 के सापेक्ष 460 बच्चों का नामांकन मान्यता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में कराया गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 98.93 प्रतिशत है। इस प्रकार आरटीई के अन्तर्गत नामांकन में श्रावस्ती अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ प्रदेश में प्रथम स्थान पर स्थापित है, यह उपलब्धि जनपद के लिए गौरव का विषय है।
अभिभावकों के लिए यह योजना निःसंदेह वरदान
यह जानकारी शुक्रवार को डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने दी है। उन्होंने कहा कि आरटीई के अन्तर्गत ऐसे अभिभावक जो सुविधा सम्पन्न नहीं हैं तथा अपने बच्चों को फीस देकर किसी मान्यता प्राप्त एवं निजी विद्यालय में अध्ययन कराने में सक्षम नहीं हैं, ऐसे अभिभावकों के लिए यह योजना निःसंदेह वरदान है। उन्होंने कहा कि आरटीई के अन्तर्गत नामांकित बच्चे के अभिभावक को वर्ष में पांच हजार रूपये उनके खाते मे बच्चे के यूनीफार्म, पुस्तक, स्कूल बैग जूता-मोजा, स्टेशनरी की व्यवस्था के लिए तथा ऐसे विद्यालय जहां बच्चे का नामांकन हुआ है, उस विद्यालय को प्रति छात्र अधिकतम चार सौ पचास रूपये फीस प्रतिपूर्ति के रूप में प्रेषित की जाती है। डीएम ने बताया है कि पात्र बच्चों का चयन लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से किया गया है जो वर्ष में चार बार 1 से 19 तारीख के मध्य दिसम्बर, जनवरी, फरवरी एवं मार्च में सम्पादित किया गया है।
डीएम ने कहा कि हमारा यह प्रयास है कि व्यापक प्रचार-प्रसार कराते हुए वर्ष 2025-26 में भी बड़ी संख्या में अलाभित समूह तथा दुर्बल वर्ग के पात्र बच्चों को इस योजना से लाभांवित किया जायेगा तथा उन्हें बेहतर शिक्षा प्रदान करते हुए जनपद की साक्षरता दर में लगातार वृद्धि की जायेगी।
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