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Shravasti News: राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत पंचायत एडवांसमेंट सूचकांक पर कार्यशाला आयोजित
Shravasti News: इस कार्यशाला में जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति के सदस्यों, अधिकारियों, मॉडल ग्राम पंचायतों के प्रधानों और मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत पंचायत एडवांसमेंट सूचकांक पर कार्यशाला आयोजित (photo: social media )
Shravasti News: बुधवार को जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर (डीपीआरसी) के सभागार में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजनान्तर्गत पंचायत एडवांसमेंट सूचकांक (पीएआई) 2.0 और ग्राम पंचायत विकास योजना पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति के सदस्यों, अधिकारियों, मॉडल ग्राम पंचायतों के प्रधानों और मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण का उद्घाटन मुख्य विकास अधिकारी शाहिद अहमद ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि पंचायत स्तर पर संचालित विकास योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पीएआई 2.0 के ग्रेडिंग के माध्यम से मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने जनपद की समस्त ग्राम पंचायतों से अपील की कि वे अपने डेटा को बेहतर तरीके से अपलोड करें, जिससे जनपद की ग्रेडिंग अच्छी हो सके। उन्होंने बताया कि ग्रेडिंग के आधार पर ही पंचायतें राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कारों के लिए योग्य हो पाएंगी। ये पुरस्कार 09 थीम पर आधारित हैं।
अब इसी के आधार पर पुरस्कार देंगी
पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स के माध्यम से पंचायतों की ग्रेडिंग केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अब इसी के आधार पर पुरस्कार देंगी। अच्छी ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए पंचायतों को एक गुणवत्तापूर्ण कार्य योजना का निर्माण और उसका समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन करने की आवश्यकता है।
इस दौरान जिला पंचायत राज अधिकारी नंदलाल ने बताया कि वर्ष 2030 तक सतत विकास के लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति के लिए भारत सरकार संकल्पित है, परन्तु पंचायतों के समग्र विकास के बिना भारत का विकास संभव नहीं है। पीएआई, एलएसडीजी (स्थानीय सतत विकास लक्ष्य) की प्रगति को मापता है और एनआईएफ (राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क) के संकेतकों का उपयोग करके उनकी रैंकिंग करता है। यह सभी पंचायतों के सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण की प्रगति को भी मापता है और एलएसडीजी की उपलब्धि के प्रति उनके प्रदर्शन के आधार पर पंचायतों की ग्रेडिंग की जाएगी। यही ग्रेडिंग पंचायतों के विकास का आधार मानी जाएगी।
प्रशिक्षण में राज्य स्तरीय प्रशिक्षक अर्पित श्रीवास्तव एवं अमलराज अंजनी कुमार दूबे ने पंचायत विकास सूचकांक 2.0 पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने विभिन्न विभागों से संबंधित डेटा बिंदुओं पर चर्चा की, जैसे पशुपालन और डेयरी विभाग (01 डेटा बिंदु), ग्रामीण विकास विभाग (सहायक विकास अधिकारी आईएसबी - 02 डेटा बिंदु, खंड विकास अधिकारी - 02 डेटा बिंदु), सांख्यिकी (सहायक विकास अधिकारी सांख्यिकी - 05 डेटा बिंदु), खाद्य और सार्वजनिक वितरण (विकास खंड खाद्य निरीक्षक - 05 डेटा बिंदु), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण (खंड चिकित्सा - 19 डेटा बिंदु), पंचायती राज विभाग (सहायक विकास अधिकारी पंचायत - 49 डेटा बिंदु), पुलिस (ब्लॉक स्तरीय अपराध/पुलिस नियंत्रण - 08 डेटा बिंदु), राजस्व (राजस्व निरीक्षक/कानूनगो/तहसीलदार - 07 डेटा बिंदु), सामाजिक कल्याण विभाग (सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण - 11 डेटा बिंदु) और महिला और बाल विकास (विकास खंड महिला बाल विकास - 08 डेटा बिंदु)।
जिला परियोजना प्रबंधक राम स्वरूप तिवारी एवं सपना यादव द्वारा पीएआई के तकनीकी पहलुओं और विभागवार डेटा कलेक्शन फॉर्मेट को भरने पर चर्चा की गई। कार्यशाला का संचालन डीपीआरसी के वरिष्ठ फैकल्टी बृजेश कुमार पाण्डेय ने किया। प्रशिक्षण में जिला युवा कल्याण अधिकारी प्रदीप कुमार त्रिपाठी, आपदा विशेषज्ञ अरुण कुमार मिश्र सहित ग्राम प्रधानगण और अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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