Sonbhadra News: राजस्व कर्मियों की मिलीभगत में फर्जीवाड़े का आरोप, भूमि विवाद में एमएलसी पर FIR

Sonbhadra News: शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से कूटरचित दस्तावेज़ तैयार कर उसे अपनी पैतृक संपत्ति से बेदखल करने का प्रयास किया गया।

Mithilesh Dev Pandey
Published on: 5 Nov 2025 10:35 PM IST (Updated on: 5 Nov 2025 10:37 PM IST)
Sonbhadra News: राजस्व कर्मियों की मिलीभगत में फर्जीवाड़े का आरोप, भूमि विवाद में एमएलसी पर FIR
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Sonbhadra News: जिले में भूमि कब्जे और दस्तावेज़ों में कथित हेरफेर का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। प्रकरण में सहखातेदार द्वारा उच्च पुलिस अधिकारियों तक शिकायत पहुंचाई गई है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से कूटरचित दस्तावेज़ तैयार कर उसे अपनी पैतृक संपत्ति से बेदखल करने का प्रयास किया गया। इस संबंध में पिपरी थाने में पूर्व एमएलसी श्याम सिंह सहित 6 के विरुद्ध एफआईआर पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी गई है।

कूटरचित दस्तावेज़ों के सहाने नाम हटवाया

प्रार्थना पत्र के अनुसार विजय शंकर सिंह पुत्र गिरजा शंकर सिंह निवासी फतहां मीरजापुर ने बताया कि मौजा मुर्धवा तहसील दुद्धी सोनभद्र में 5 बीघा 11 विस्वा 6 धूर भूमि उनके और उनके चचेरे भाई रामनगीना सिंह के संयुक्त नाम दर्ज थी। उक्त भूमि पर उनके पिता तथा स्व. दयाशंकर सिंह द्वारा संयुक्त रूप से ‘पद्मिनी होटल’ का निर्माण कराया गया था। आरोप है कि वर्ष 1989 में विपक्षियों श्याम सिंह, गीता सिंह, अशोक सिंह, अनीता सिंह और सत्यम सिंह द्वारा फर्जी नोटरी हलफनामा एवं कूटरचित दस्तावेज़ों के आधार पर रिकॉर्ड से उनका नाम हटवा दिया गया।

लालता सिंह एंड संस पेट्रोल पंप हिस्सा

शिकायतकर्ता ने कहा कि मुर्धवा स्थित ‘लालता सिंह एंड संस पेट्रोल पंप में भी उनके पिता गिरजा शंकर सिंह की विधिसम्मत साझेदारी थी, किन्तु साजिशपूर्वक उनका नाम हटाकर रामनगीना सिंह का नाम दर्ज कर दिया गया। रामनगीना सिंह के निधन (09-12-2016) के उपरांत उनकी पत्नी गीता सिंह तथा पुत्रवधु द्वारा पुनः कथित फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से अपने नाम चढ़वाने की बात भी आरोप में शामिल है।

सुनियोजित आर्थिक अपराध किया गया

पीड़ित पक्ष ने इस पूरे घटनाक्रम को सुनियोजित आर्थिक अपराध और संपत्ति हड़पने का प्रयास बताया है। उन्होंने मांग की है कि न केवल आरोपियों, बल्कि इस प्रक्रिया में सहयोग या भूमिका निभाने वाले विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की भी जांच की जाए तथा उनके ऊपर कार्रवाई की जाए। पुलिस का कहना है कि वर्तमान में मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच प्रक्रिया चल रही है।

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