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Sonbhadra News : अजब-गजबः सड़क से ऊंचे लेवल पर बना दी 36 करोड़ की नाली, कैसे हो जलजमाव का समाधान, किससे वसूली जाएगी जनता की गाढ़ी कमाई? मांगा जवाब
Sonbhadra News: जलजमाव की समस्या के स्थाई समाधान के लिए, सीएंडडीएस की तरफ से करोड़ों की लागत से बनाई जा रही नाली, कार्यपूर्ति से पहले ही सवालों के घेरे में आ गई है।
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Sonbhadra News : जिला मुख्यालय पर जलजमाव की समस्या के स्थाई समाधान के लिए, सीएंडडीएस की तरफ से करोड़ों की लागत से बनाई जा रही नाली, कार्यपूर्ति से पहले ही सवालों के घेरे में आ गई है। आरोप है कि नगर और लोगों से घरों से पानी निकासी के लेवल से उपर लेवल निर्धारित करते हुए नाली बना दी गई है। कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं सो अलग। ऐसे में, जिला मुख्यालय स्थित राबटर्सगंज शहर में महज कुछ देर की ही बारिश में जगह-जगह बनने वाली खासी जलजमाव की स्थिति से आखिर निजात कब और कैसे मिल पाएगी, साथ ही, 36 करोड़ की रकम खर्च किए जाने के बावजूद जल जमाव की समस्या से राहत क्यूं नहीं मिल पा रही, इसके लिए जिम्मेदारों के खिलाफ क्या कार्रवाई जा रही? जैसे सवाल सुलगने लगे हैं।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन की तरफ से इस मसले को लेकर आवाज उठाते हुए, बृहस्पतिवार को सीएंडडीएस कार्यालय पहुंचकर जिम्मेदारों को ज्ञापन सौंपा गया। संगठन के जिलाध्यक्ष कौशल शर्मा ने कहा कि पानी निकासी के सही लेवल की अनदेखी कर, ऊचे लेवल पर नाली निर्माण कर जलजमाव की बड़ी समस्या तो खडी की ही गई है, नाली निर्माण के लिए, पुरानी नाली को तोड़ते वक्त उसकी गंदगी सड़क पर फेंक दी जा रही है, इससे सड़ांध उठने के साथ ही, संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
नपा से गुहार, विधायक की सख्ती भी नहीं दे पाई राहत
व्यापार मंडल के लोगों का कहना था कि इस समस्या को लेकर पिछले दिनों नगर पालिका अध्यक्ष को भी अवगत कराया गया था। वहीं, पिछले दिनों विधायक ने भी नगर भ्रमण कर सख्ती की बात कही थी, बावजूद नाली निर्माण की स्थिति में कोई फर्क नहीं दिख सका है। व्यापारी नेताओं का कहना था कि नाली निर्माण के पूर्व स्थानीय लोगों से इस मुद्दे पर न ही कोई सलाह ली गई न ही इस बात का ध्यान रखा गया कि सड़क से ऊपर नाली होने पर सड़क पर जो जल भराव होगा, उसकी निकासी कैसे होगी और जिन लोगों के घर का पानी नाली के नीचे होगा उनके घ्र का पानी कैसे निकलेगा?
सीएंडडीएस के जिम्मेदारों के रवैए से लोगों में आक्रोश‘
व्यापारी नेताओं का कहना था कि नगर में जगह-जगह बनी जलजमाव की स्थिति और उसके कारणों के बारे में सीएंडडीएस के जिम्मेदारों को तो अवगत कराया ही गया, जिन क्षेत्रों में नाली निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है उन क्षेत्रों में जल भराव की समस्या से निजात का क्या प्लान बनाया गया है या बनाया जा रहा है, इसके बारे में भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिल पाया। उनका कहना था कि इसके चलते नगर के आम लोगों के साथ ही, व्यापारी तबके में भी आक्रोश की स्थिति बनती जा रही है।
नगर विकास मंत्री का निर्देश भी कार्य में नहीं ला पाया तेजी
जिला महामंत्री प्रीतपाल, सिंह वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष राजू जायसवाल, यशपाल सिंह ने कहा कि नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने स्पष्ट आदेश दिए थे कि 30 मई 2025 तक नाली निर्माण, सफाई, जल भराव और जल निकासी से जुड़े अन्य कार्यों को पूर्ण कर लिया जाए लेकिन जिला मुख्यालय पर पानी निकासी के लिए बनाई जा रही नाली के कार्य की धीमी गति पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। अभी भी जहां नगर के कई हिस्सों में नाली अधूरी है। वहीं जहां नाली बन भी गई तो उसमें कई जगह नाली का लेवल सड़क से उपर होने के कारण जलजमाव की समस्या लोगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बनने लगी है।
कैसे वसूल होंगे जनता के 36 करोेड़, दिया जाए जवाब
नगर अध्यक्ष प्रशांत जैन एवं नगर मंत्री अभिषेक गुप्ता, प्रतीक केसरी शिवम केसरी ने कहा कि 36 करोड़ 7 लाख से लगभग 13.7 किलोमीटर नाली का निर्माण कराया जा रहा है जिसकी स्थिति अभी से नगर के लिए कोई राहत प्रदान करने की नहीं दिखी है। ऐसे में जल निकासी का समाधान किए गए हैं और नाली निर्माण पर खर्च किए गए जनता के 36 करोड़ जिम्मेदारों से किस तरह और किस रूप में वसूले जाएंगे, इसका जवाब दिया जाना चाहिए। बारिश के समय में आनन-फानन में निर्माण की दिख रही स्थिति पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
निर्माण की गुणवत्ता की क्यों नहीं की जा रही परख?
जिला उपाध्यक्ष विनोद जायसवाल, नागेंद्र मोदनवाल, अमित वर्मा ने कहा कि नगर में जो निर्माणधीन नाली है उसके गुणवत्ता की परख क्यों नहीं की जा रही? कहा कि जगह-जगह कीचड़, जलभराव से लोगों को बारिश के शुरूआत में ही नारकीय स्थिति से गुजरना पड़ रहा है। आगे क्या स्थिति होगी, इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।
नहीं लिया गया एक्शन तो शासन स्तर पर उठाई जाएगी आवाजः
जिलाध्यक्ष कौशल शर्मा ने कहा कि नाली निर्माण में बरती गई गड़बड़ी, निर्माण के लिए सही लेवल निर्धारण में बरती गई लापरवाही और जलभराव की समस्या को लेकर जल्द पहल/कार्रवाई की प्रक्रिया नहीं शुरू की गई तो उनका संगठन इस मसले को लेकर मंत्री स्तर पर आवाज उठाने के लिए बाध्य होगा।
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