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Sonbhadra News: हत्या मामलों में गैंग लीडर और उसके साथी को 10-10 वर्ष कठोर कैद
Sonbhadra News: दोषी गैंग लीडर आनंद उर्फ कल्लू और सक्रिय गैंग सदस्य रामनाथ उर्फ डब्लू को 10-10 वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई।
गैंग लीडर और उसके साथी को 10-10 वर्ष कठोर कैद (Photo- Newstrack)
Sonbhadra News: सोनभद्र । हत्या जैसे संगीन मामलों में सक्रिय रहे गैंग के लीडर और उसके एक सक्रिय सदस्य को 10-10 वर्ष के सश्रम करावास की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर कोर्ट अर्चना रानी की अदालत ने गैंगस्टर वे जुड़े मामले को लेकर मंगलवार को सुनवाई की। इस दौरान अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों, पत्रावली पर उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों और गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों के आधार पर, दोषसिद्ध पाया गया। इसके बाद गैंग बनाकर हत्या जैसे संगीन मामलों का अंजाम देने के लिए, दोषी गैंग लीडर आनंद उर्फ कल्लू और सक्रिय गैंग सदस्य रामनाथ उर्फ डब्लू को 10-10 वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई। 10-10 हजार अर्थदंड भी लगाया गया। इसकी अदायगी न करने पर दो-दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया। प्रकरण के विचारण के दौरान दोषियों ने जो अवधि न्यायालय में बिताई होगी, उसे सजा में समायोजित किया जाएगा।
हत्या सहित कई मुकदमों में वांछित थे दोषी
अभियोजन कथानक के अनुसार 26 अप्रैल 2019 को तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक प्रवीण कुमार सिंह हमराहियों के साथ क्षेत्र भ्रमण पर थे। उसी दौरान उन्हें पता चला कि हत्या जेसे संगीन वारदातों को अंजाम देने में एक गैंग लगा हुआ है। इस गैंग का लीडर आनंद उर्फ कल्लू पुत्र मोहन गोड़ निवासी कनछ टोला कोड़ईल , थाना चोपन है और इसके गांव का ही रामनाथ उर्फ डब्लू पुत्र रामप्रसाद चेरो गैंग के सक्रिय सदस्य के रूप में काम कर रहा है।
इसको लेकर चोपन थाने पर दी गई तहरीर में प्रभारी निरीक्षक की तरफ से दावा किया गया कि इस गिरोह के लीडर और सदस्यों के खिलाफ हत्या सहित कई मुकदमे विचाराधीन हैं। लोगों को दहशत में डालकर आर्थिक लाभ अर्जित करना इस गिरोह का प्रमुख उद्देश्य है। इनकी दहशत इतनी है कि कोई व्यक्ति जल्दी उनके खिलाफ मुकदमा लिखाने या गवाही देने की हिम्मत नहीं जुटा पाता।
सामने आए साक्ष्य, गवाहों के बयान पर सुनाया गया फैसला
प्रकरण में चोपन थाने परं गैंगस्टर एक्ट के तहतं एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने विवेचना की। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में उपरोक्त दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इसकी सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के साथ ही, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन किया।
गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों की भी स्थिति जांची। इसके आधार पर दोषी पाते हुए उपरोक्त सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से केस की पैरवी शासकीय अधिवक्ता धनंजय शुक्ला की ओर से की गई।
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