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Sonbhadra News: डकैत गिरोह के सदस्य को सात वर्ष की कठोर कैद, साथियों के साथ डकैती की योजना बनाते समय हुई थी गिरफ्तारी

Sonbhadra News: अभियोजन कथानक के मुताबिक अनपरा थाने में तैनात एसआई दयाशंकर सिंह ने गत 2 सितंबर 2018 को औड़ी मोड़ के पास से रामजी बैगा पुत्र शोभनाथ बैगा निवासी कनुहड़ मोरवा, थाना मोरवा, जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश । और उसके चार साथियों को दबोचा था।

Shishumanjali kharwar
Published on: 26 Jun 2025 6:08 PM IST
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Sonbhadra News: डकैती डालने वाले गिरोह के एक प्रमुख सदस्य को सात वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। प्रकरण साढ़े 6 वर्ष पुराना है। अनपरा पुलिस ने साथियों के साथ डकैती की योजना बनाते समय उसे दबोचा था। उसके पास से पुलिस को एक चाकू भी बरामद हुआ था। सामने आए तथ्यों, पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों, गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों और अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषसिद्ध पाते हुए बृहस्पतिवार को उपरोक्त सजा सुनाई। दोषी पाए गए रामजी बैगा को सात वर्ष के कारावास के साथ छह हजार के अर्थदंड से भी दंडित किया गया। अर्थदंड अदा न करने की दशा मेंएक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी।

अभियोजन कथानक के मुताबिक अनपरा थाने में तैनात एसआई दयाशंकर सिंह ने गत 2 सितंबर 2018 को औड़ी मोड़ के पास से रामजी बैगा पुत्र शोभनाथ बैगा निवासी कनुहड़ मोरवा, थाना मोरवा, जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश । और उसके चार साथियों को दबोचा था। पुलिस का दावा था कि सभी पकड़े जाते वक्त डकैती की योजना बना रहे थे। रामजी के पास से एक चाकू भी बरामद करने का दावा किया गया। एसआई दयाशंकर सिंह की तहरीर पर प्रकरण में केस दर्ज कर अनपरा पुलिस ने विवेचना की और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए, रामजी और उसके साथियों के खिलाफ चार्जशीट न्यायायालय में दाखिल की।

पत्रावली अलग कर की गई रामजी पर लगे आरोप की सुनवाई

रामजी के पास चाकू की बरामदगी को देखते हुए, उसकी पत्रावली अन्य आरोपियों से अलग कर दी गई। लगभग छह वर्ष तक चली सुनवाई में गवाहों के बयान दर्ज करने के साथ ही, दोनों पक्षों के तर्क सुने गए। बचाव पक्ष की दलीलों को भी गुणावगुण की कसौटी पर कसा गया। सामने आए तथ्यों के आधार पर आरोप सही पाया गया। इसके बाद दोषी पाए गए रामजी बैगा को उपरोक्त सजा सुनाई गई। 7 वर्ष का कारावास व 6 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अभियोजन की तरफ से केस की पैरवी सरकारी अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक द्वारा की गई।

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Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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